बीते कुछ वर्षों में भारत ने इंटरनेट क्रांति का अनुभव किया है। एक औसत भारतीय नागरिक अब प्रतिदिन एक जीबी इंटरनेट डाटा की खपत कर रहा है। हालाँकि इंटरनेट और सोशल मीडिया के तेज प्रसार के साथ-साथ फ़ेक न्यूज़ की मात्रा में भी भारी इज़ाफ़ा हुआ है।
फ़ेक न्यूज़ में इज़ाफ़े से एक नया रोजगार उत्पन्न हुआ है — फैक्ट चेकर। खबरों का फैक्ट चेक का दावा करने वाले ऑल्टन्यूज़ के संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर जैसे ना जाने कितने असंख्य फैक्ट चेकर्स ने इस नए रोजगार से काफी ख्याति प्राप्त की है, लेकिन कई बार ऐसी सामग्री भी होती हैं जिनका फैक्ट चेक मोहम्मद ज़ुबैर या ऑल्टन्यूज़ जैसे संस्थान नहीं करना चाहते।
पीआईबी ने फ़ेक न्यूज़ फैलाने वाले चैनल पर कसी लगाम
मंगलवार सुबह पीआईबी ने ऐसे कई सारे यूट्यूब चैनलों की बात की है, जो सत्ता-विरोधी फ़ेक न्यूज़ के कारोबार में शामिल हैं। इनके वीडियो को प्रतिबंधित भी नहीं किया जाता है, ना ही इन्हें फ़ेक न्यूज़ का सर्टिफिकेट किसी भी डिजिटल मीडिया मंच ने दिया है और इन्हें देखने वाली तादाद छोटी-मोटी नहीं है।
पीआईबी ने अपने ट्विटर हैंडल से फ़ेक न्यूज़ का प्रसार कर रहे कई सारे यूट्यूब चैनलों का भांडाफोड़ किया। ट्वीट करते हुए पीआईबी ने लिखा, “लगभग 10 लाख सब्सक्राइबर और 32 करोड़ व्यूज़ वाला एक #YouTube चैनल ‘न्यूज हेडलाइंस’ प्रधानमंत्री, भारत के सर्वोच्च न्यायालय, भारत के मुख्य न्यायाधीश और भारत के चुनाव आयोग के बारे में #FakeNews का प्रचार करता पाया गया है।”
इसी चैनल के स्क्रीनशॉट पीआईबी ने पोस्ट किए जिनमें सरकार के ख़िलाफ़ कई क़िस्म की फ़ेक न्यूज़ फैलाई जा रही थी।
ठीक इसी तरह पीआईबी ने अन्य कई यूट्यूब चैनल का भी ज़िक्र किया। 2.26 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर वाला एक YouTube चैनल ‘सरकारी अपडेट’ भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में #FakeNews का प्रचार करता पाया गया।
अपने एक वीडियो में यह चैनल दावा कर रहा है कि “मोदी सरकार सभी आधार कार्ड वालों को दे रही है ₹40,0000 की नगद राशि”, जिसे पीआईबी ने अपने दावे में फ़ेक न्यूज़ बताया है। हमारी स्वतंत्र जांच में भी मोदी सरकार की ऐसी कोई योजना की जानकारी नहीं मिली।
एक अन्य वीडियो में यह चैनल दावा करता है कि “मोदी सरकार ‘नारी शक्ति’ योजना के तहत सभी महिलाओं को दे रही है ₹10,0000 की नगद राशि।” पीआईबी ने अपने दावे में इसे भी फ़ेक न्यूज़ बताया है।
एक और ट्वीट में पीआईबी लिखता है, “YouTube चैनल ‘आज तक LIVE’ #FakeNews का एक और अड्डा है। 65,000 से अधिक सब्सक्राइबर के साथ, YouTube चैनल विभिन्न व्यक्तियों की मृत्यु के बारे में झूठे दावे और सरकारी निर्णयों के बारे में गलत सूचना फैलाता है।”
एक वीडियो में यह चैनल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माता के स्वास्थ्य को लेकर भ्रामक जानकारी दे रहा है जो सरासर झूठी खबर है।
यह तो सिर्फ कुछ ही ऐसे चैनल हैं जिन्हें नज़रअन्दाज़ कर दिया जाता है। यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म में फ़ेक न्यूज़ फैलाने वाले अनगिनत चैनल और प्रोफाइल हैं जिन पर कभी कोई भी फैक्ट चेकर जाँच नहीं करता।
इनकी ख़ास बात यह है कि इन्हें देखने और पढ़ने वालों की संख्या सौ या दो सौ में नहीं, बल्कि नौ से दस लाख तक में मौजूद है।