कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर विश्वास जताने वालों में सिर्फ़ कांग्रेसी कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में बैठी आतंकियों की पत्नियाँ भी शामिल हैं।
फिलहाल मामला जेल में बंद आतंकवादी यासीन मलिक का है, जो कि वायुसैनिकों की हत्या और आतंक फैलाने के चलते जेल में बंद है। जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के साथ-साथ हिंसा और अशांति फैलाने वाले JKLF के नेता यासीन मलिक की पत्नी मुशाल हुसैन मलिक ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पत्र लिखकर उनके पति के लिए संसद में बहस शुरू करने की भावुक अपील की है। उन्होंने राहुल गांधी को आश्वासन दिया है कि उनके शौहर यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर में शांति ला सकते हैं।
इसके साथ ही, उसने ये आरोप भी लगाया कि 2019 से मलिक को भाजपा सरकार द्वारा बेहद अमानवीय तरीक़ों से परेशान किया जा रहा है। मलिक की पत्नी ने लिखा, “उन पर 35 साल पुराने एक मामले में भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का मुकदमा चल रहा है और अब NIA द्वारा उनके खिलाफ दर्ज किए गए मनगढ़ंत मामलों में उनके लिए मृत्युदंड की मांग की जा रही है।”
आपको बता दें कि ये यासीन मलिक की पत्नी यानी मुशाल मलिक पाकिस्तान की सरकार में सलाहकार के पद पर भी रह चुकी हैं। इससे पहले UPA काल की आपको याद दिलाएँ तो यासीन मलिक तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ नज़र आता था और गांधीवादी नज़र आने का प्रयास भी करता था।
एनआईए ने 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में मलिक सहित कई व्यक्तियों के खिलाफ आरोप दायर किए थे, जिन्हें उनके खिलाफ आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद मलिक को 2022 में एक ट्रायल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
अब सवाल यहां ये है कि कश्मीर में आतंकवादी ताकतों को फैलाने के लिए जिम्मेदार यासीन मलिक की पत्नी राहुल गांधी को विश्वास के साथ उनका पक्ष लेने को क्यों कह रही है? अगर मुशाल हुसैन मलिक को राहत की उम्मीद थी तो उन्हें भारत सरकार या न्यायालय को संदेश भेजना चाहिए था पर उन्हें सरकार नहीं बल्कि विपक्ष के नेता पर विश्वास है कि वे उनके लिए संसद में आवाज उठाएंगे।
खैर विपक्ष के नेता स्वयं अमेरिका में आतंकवादी संगठनों से अधिक हिंदू संगठनों को देश के लिए खतरा बता चुके हैं तो उनपर उग्रवादी नेताओं का विश्वास मजबूत होना कोई आश्चर्यजनक घटना नहीं है।
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