पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार में आतंकी यासीन मलिक की पाकिस्तानी पत्नी मुशाल हुसैन मलिक को ‘मानवाधिकारों’ पर ‘सलाहकार’ नियुक्त किया गया है। मुशाल की नियुक्ति पाकिस्तान की नई कार्यवाहक सरकार में हुई है जिसके मुखिया अनवारुल हक काकड़ बनाए गए हैं।
पाकिस्तान में बीते दिनों शहबाज सरकार ने अपने कार्यकाल के समाप्त होने की घोषणा की थी जिसके बाद एक कार्यवाहक सरकार का गठन किया जाना था। इस कार्यवाहक सरकार का मुखिया अनवारुल हक को बनाया गया है जो कि पाकिस्तान से आजादी के लिए लड़ रहे प्रांत बलोचिस्तान से आते हैं और अब तक पाकिस्तान की संसद के उच्च सदन सीनेट के सदस्य थे। 17 अगस्त को अनवारुल की अंतरिम कैबिनेट ने शपथ ली।
इस कैबिनेट में 19 सदस्य शामिल किए गए हैं। मुशाल को कैबिनेट सदस्यों में तो जगह नहीं मिली परन्तु उसे प्रधानमंत्री की सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। मुशाल को मंत्रिपद नहीं दिया गया है क्योंकि वह मूल पाकिस्तान की नागरिक नहीं है, वह पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर की नागरिक है जो कि दोहरी नागरिकता के अंतर्गत आता है। इसीलिए मुशाल को विशेष सलाहकार के तौर पर नियुक्त किया गया है।
मुशाल का पति यासीन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का मुखिया था और वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद है। यासीन कई कश्मीरी पंडितों और वायुसेना के अधिकारियों को मारने का दोषी है। हालाँकि, मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान उसे प्रधानमंत्री तक पहुँच मिली हुई थी और कॉन्ग्रेस समेत तमाम गैंग के लोग उसे गांधीवादी कह कर प्रचारित करते आए थे।
मुशाल से यासीन का विवाह 2009 में हुआ था, दोनों की मुलाकात पाकिस्तान में ही 2005 हुई थी। बताया जाता है कि इससे पहले यासीन के मुशाल की मां से अच्छे संबंध थे और दोनों साथ में हज पर गए थे। मुशाल के पिता पाकिस्तान के जानेमाने अर्थशास्त्री थे और उसकी मां पाकिस्तान मुस्लिम लीग की महिला मोर्चा की महासचिव रह चुकी है। मुशाल का भाई विदेश नीति का विशेषज्ञ है।
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जहाँ मुशाल का पारिवारिक लेखाजोखा अभिजात्य वर्ग का है वहीं यासीन मलिक लगभग अनपढ़ है। उसका चेहरा लकवा मार गया है और वह एक कान से बहरा भी है। उसका आरोप है कि सुरक्षाबलों की प्रताड़ना से उसकी यह हालत हुई है। ओपन पत्रिका के एक साक्षात्कार में बताया गया है कि यासीन और मुशाल की शादी से कश्मीरी अलगाववादी खुश नहीं थे। आसिया अंद्राबी ने कहा था कि यासीन को मरे हुए कश्मीरी आतंकी की बीवी से शादी करनी चाहिए। दोनों के एक बेटी भी है, जिसने हाल ही में POK विधानसभा में भाषण भी दिया था।
मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से लगातार कश्मीरी अलगाववादियों और अहिंसा का मुखौटा पहनने वाले आतंकियों पर कार्रवाई हो रही है। लम्बे समय से अटके मुकदमों को तेजी से पूरा करके यासीन मलिक को सजा दिलाई गई है। इसी को लेकर मुशाल लगातार भारत के विरुद्ध जहर उगलती आई है। वह पाकिस्तान में लगातार यासीन मलिक को छोड़ने की मांग करती आई है।
पाकिस्तान द्वारा मुशाल को केन्द्र सरकार का हिस्सा बनाया जाना ISI और सेना द्वारा प्रायोजित प्रतीत होता है क्योंकि बीते कुछ वर्षों में कश्मीरी अलगाववादी नेताओं में पाकिस्तान के प्रति असंतोष की भावना देखी गई है। मुशाल को शीर्ष पर लाकर पाकिस्तान यह सन्देश देना चाहता है कि वह कश्मीर को भारत से अलग करने के अपने एजेंडे पर अभी भी कायम है।
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