कश्मीर में कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार में सीधे तौर पर शामिल यासीन मलिक (Yasin Malik) अचानक से चर्चा में है। पहले उसकी बेटी का एक ज़हरीला बयान सामने आता है जिसमें यासीन की बेटी अपने आतंकी अब्बा को ‘The symbol of resistance for the freedom of Kashmir’ बताती है, और फिर उसके ठीक अगले दिन, व्यक्तिगत पेशी के लिए लेकर यासीन मलिक सुप्रीम कोर्ट में नजर आता है।
Terrorist Yasin Malik’s Daughter Pakistan’s New Prop In PoK
सुप्रीम कोर्ट में यासीन मलिक को देखकर जज भी हैरान थे। उन्होंने कहा कि कोर्ट में उसे पेश करने का कोई आदेश नहीं दिया गया है तो उसे यहाँ क्यों लाया गया? सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह सुरक्षा में गंभीर चूक का मामला है। उन्होंने इस सम्बन्ध में सॉलिसिटर जनरल ने एक पत्र गृह मंत्रालय को लिखा है। अब सवाल ये है कि क्या ये सब किसी विशेष पैटर्न से तो नहीं किया जा रहा?
जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) का सरगना यासीन मलिक इस समय टेरर फंडिंग मामले में दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। आजकल उसकी 11 साल की बेटी रजिया सुलतान का एक जहरीला वीडियो वायरल है। उसकी बेटी रजिया सुल्तान का यह वीडियो POK में स्थित मुजफ्फराबाद में रिजनल लेजिस्लेटिव असेंबली का बताया जा रहा है। आतंकी की बेटी ने एक स्पीच पढ़ते हुए ‘हम क्या चाहते, आज़ादी’ वाला नारा लगाया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर नफरत ऊगली है इसे आप इस वीडियो में भी देख सकते हैं। (Yasin Malik’s Daughter Addresses PoK Parliament In Pak’s Desperate Bid To Defame India)
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इस वीडियो का इस्तेमाल अब पाकिस्तान अपने प्रॉपगेंडा के लिए कर रहा है। इसमें यासीन मलिक की बेटी कह रही है कि उसके अब्बा कश्मीर के हित की लड़ाई के प्रतीक हैं। वो कहती है कि अगर उसके अब्बा को कुछ भी नुकसान पहुँचता है तो इसके जिम्मेदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे।
रजिया का कहना है कि उसके अब्बा को फर्जी मामले में फँसाया गया है और उसे उम्मीद है कि जल्द ही वो जेल से निकलेंगे।
जिन नफरती शब्दों को रज़िया के मुँह से ज़बरदस्ती बुलवाया गया है उससे यह भी पता लगता है कि पकिस्तान कैसे छोटे बच्चों का इस्तेमाल अपनी प्रोपगंडा के लिए कर रहा है। वो भारत के खिलाफ बोलने के लिए उन्हें मंच भी उपलब्ध करवा रहा है। वीडियो में रजिया स्पीच बोलते हुए कई बार अटक रही है, स्पीच की शुरुआत होती है की ये मैसेज पीएम मोदी के लिए है और उसके पिता कश्मीर की लड़ाई लड़ रहे हैं।
सवाल ये है कि जिसने भी यह स्पीच लिखी, क्या उसने रज़िया को बताया कि यासीन मलिक 1988 में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चला गया था और वहाँ से भारत के खिलाफ आतंक चला रहा था। इसके बाद वो वापस कश्मीर आया और अलगाववादी यानी separatist बनकर रहने लगा। यासीन मलिक पर वायुसेना के जवानों की हत्या समेत 60 मामले दर्ज हैं। कश्मीर में आतंक और अस्थिरता के पीछे उसका अब्बा जिम्मेदार है। उसे भारत में टेरर फंडिंग समेत दूसरे अपराधों के मामले में हिरासत में भी लिया गया था। यासीन मलिक पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और उस वक्त के केंद्रीय गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण का भी आरोप है।
रज़िया की स्पीच में ठूंसा गया कि 05 अगस्त 2019 को की गई कार्रवाई, यानी अनुच्छेद 370 और 35A को निरस्त करना स्वीकार्य नहीं है। वो दिन भी शायद दूर नहीं जब इस स्पीच को सुनकर नोबेल पीस प्राइज वाले शायद आतंकी की बेटी रज़िया को पाकिस्तान की लड़कियों का मसीहा बना दें।
वैसे भी यासीन मलिक कभी इस देश के राजनीतिक नेतृत्व का बहुत ख़ास हुआ करता था और यहां तक कि स्वघोषित मिडिया वाले उन्हें ‘यासीन साहब’ कहा करते थे। आज देश में जो फैक्ट चेकर अपना नाम रखते हैं, उनके पीछे खड़े लोगों के साथ इसी आतंकी की बड़ी दिलकश तस्वीरें भी आप देखते ही रहते हैं। इसलिए, नामुमकिन कुछ भी नहीं है।