नए संसद भवन में सदन की कार्यवाही की शुरुआत होने के साथ ही मंगलवार (सितंबर 19, 2023 ) को विधि एवं न्याय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने पटल पर महिला आरक्षण बिल पेश किया।
विपक्ष के शोर के बीच केंद्रीय मंत्री ने 128वां संविधान संशोधन विधेयक पेश करते हुए नारी शक्ति का बात की और विधेयक की शुरुआत ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः’ मंत्र के साथ करके इसका नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम रखा।
केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने विधेयक पेश करने के साथ ही कहा कि यह महिला सशक्तिकरण से संबंधित है। विधेयक के कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी। यह विधेयक महिलाओं के लिए सदन में 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करेगा।
अर्जुन राम मेघवाल ने सदन को जानकारी दी कि यह विधेयक 15 वर्षों के लिए आरक्षण का प्रावधान करता है। हालांकि संसद के पास इसकी सीमा आगे बढ़ाने का अधिकार होगा। इसके साथ ही मेघवाल ने मनमोहन सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में पेश होने के बाद भी लोकसभा में पास नहीं हो पाना मनमोहन सरकार की नाकामी थी।
वहीं लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने घोषणा की है कि विधेयक पर चर्चा बुधवार के दिन की जाएगी।
इससे पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने महिला आरक्षण बिल पर बात करते हुए कहा था कि इस पर बहुत वाद-विवाद हुए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में इसे पेश किया गया था। हालांकि पूर्ण बहुमत न होने से यह सपना अधूरा रह गया था। प्रधानमंत्री का कहना है कि ईश्वर ने शायद ऐसे कई कार्यों के लिए उन्हें चुना है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट में मंजुरी मिलने के बाद हमारी सरकार सदन में महिलाओं की भागीदारी के लिए नया बिल ला रही है।
इसी बीच राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मांग की कि नारी शक्ति वंदन विधेयक में ओबीसी महिलाओं के लिए भी आरक्षण मिले। उनका कहना है कि कमजोर वर्ग की महिलाओं के साथ भेदभाव होता है। खड़गे के इस बयान के बाद संसद में हंगामा देखा गया।
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