तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने गुरुवार (सितम्बर 22, 2022) को कम्युनिस्ट चीन पर निशाना साधते हुए कहा, वह भारत के लोगों के बीच मरना पसन्द करेंगे, जो उन्हें सच्चे मन से प्रेम करते हैं, उन्हें वाकई में चाहते हैं, न कि चीन के बनावटी (Artificial) अधिकारियों के बीच।
बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने भारतीय लोकतंत्र की सराहना करते हुए कहा कि मैंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से एक मुलाकात में कहा था कि मैं अगले 15-20 साल और जीवित रहूंगा। इसे लेकर कोई सवाल नहीं है। तो जब मैं मरूंगा, भारत के खुले और स्वतंत्र लोकतंत्र में खुशी-खुशी मरना पसन्द करूंगा। दलाईलामा मैक्लोड़गंज स्थित अपने आवास पर यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ पीस के ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में युवाओं को संबोधित कर रहे थे।
भारत में हजारों सालों से व्यक्ति सोचने के लिए स्वतंत्र है
दलाई लामा ने भारतीय लोकतंत्र की खासियत पर जोर देते हुए कहा कि भारत ने हजारों सालों से प्रत्येक व्यक्ति को पूरी स्वतंत्रता दी है। यहाँ व्यक्ति स्वतंत्र है। भारत में हर व्यक्ति स्वतंत्र रूप से सोच सकता है, प्रश्न कर सकता है। प्रत्येक व्यक्ति को इसी तरह सोचने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। इसी का परिणाम है कि भारत में विभिन्न अध्यात्म और संस्कृतियों का विकास हुआ है।
दलाई लामा ने चीन की कम्युनिस्ट सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अधिनायकवादी तंत्र बहुत बुरा होता है। चीन नागरिकों को केवल अपने कम्युनिज्म तंत्र पर ही सोचने की इजाजत देता है। चीन अन्य विचारों पर सोच-विचार करने की इजाजत नहीं देता है। यह सरासर गलत है।
दलाई लामा ने कहा कि कम्युनिस्ट चीन में भी कई चायनीज लोग हैं, जो अब बौद्ध धर्म में रूचि ले रहे हैं।