केंद्र सरकार द्वारा गेंहू खरीद में दी गई रियायतों से गेंहू खरीद ने पिछले वर्ष का आँकड़ा पार कर लिया है, इसी के साथ ही इससे किसानों को भी बड़े स्तर पर लाभ पहुंचा है। खाद्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आँकड़े के अनुसार, देश में इस साल गेंहू की सरकारी खरीद ने पिछले सीजन का आँकड़ा पार कर लिया है।
मार्च माह में महंगाई 5.66% रही थी, महंगाई के जनवरी और फरवरी माह में बढ़ने के पीछे एक बड़ा कारण गेंहू और आटे की कीमतों में बढ़ोतरी थी। मार्च माह के अंत में गेंहू की कटाई के समय हुई बेमौसम बारिश के कारण कई विशेषज्ञ यह अनुमान लगा रहे थे कि गेंहू कि फसल को इससे बड़ा नुकसान हुआ होगा। हालाँकि, गेंहू खरीद के नए आँकड़े इन दावों के बिलकुल उलट हैं।
खाद्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आँकड़ों के अनुसार, वर्तमान रबी सीजन 2023-24 में अब तक 195 लाख मीट्रिक टन गेंहू की खरीद सरकारी माध्यम से की गई है, जबकि पिछले पूरे सीजन में 188 लाख मीट्रिक टन गेंहू की खरीद हुई थी।
अभी गेंहू खरीद के सीजन में लगभग 2 महीने पूरे बाकी हैं, ऐसे में यह आँकड़ा 200 लाख मीट्रिक टन को इस माह के अंत तक पार कर जाने का अनुमान है। देर से गेंहू की कटाई करने वाले राज्यों में भी अप्रैल के अंत से गेंहू की खरीद के जोर पकड़ने की आशा है जो कि मंडियो में आगे के महीनों तक आता रहेगा।
केंद्र सरकार ने इस बार के लिए गेंहू का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति कुन्तल रखा गया है, यह पिछले वर्ष 110 रुपए अधिक है। इससे भी किसानों को बड़े स्तर पर लाभ हुआ है। रिजर्व बैंक और सरकार का अनुमान है कि आने वाले दिनों में महंगाई और नीचे जाएगी और गेंहू की बढ़ी हुई खरीद इसमें एक बड़ा कारण है।
वैश्विक स्तर पर भी गेंहू की उपज पर यूक्रेन रूस के बीच छिड़े युद्ध से काफी फर्क पड़ा था। सरकार की इस बढ़ी हुई खरीद से किसानों का भी बड़े स्तर पर फायदा हुआ है। गेंहू खरीद वाले राज्यों में पंजाब में 89.79, हरियाणा में 54.26 और मध्य प्रदेश 49.47 लाख मीट्रिक टन गेंहू की खरीद हो चुकी है।
बारिश से प्रभावित हुए राज्यों में केंद्र सरकार ने गेंहू खरीद में नमी पर छूट भी दी थी, इससे किसानों को बड़े स्तर पर राहत मिली है। गेंहू खरीद से अब तक लगभग 15 लाख किसानों को फायदा पहुँच चुका है।
जारी किए गए आँकड़े के अनुसार, गेंहू खरीद के 41 हजार करोड़ रुपए से अधिक के भुगतान कर दिए गए हैं।
मार्च माह के लिए जारी किए महंगाई के अनुसार, खाद्य पदार्थों की महंगाई दर में भी पिछले कुछ माह में पहली बार कमी आई है। दूध और उससे जुड़े उत्पादों में अभी पिछले कुछ महीनों से बनी हुई महँगाई के कारण खाद्य पदार्थों की महंगाई में कमी लाने में समस्या ही रही है। हालाँकि इसमें भी मार्च माह में कमी आई है।
ताजा गेंहू खरीद के आँकड़े, सरकार और किसानों के अतिरिक्त जनता को भी आने वाले समय में फायदा पहुचाएंगे। एक तरफ तो गेंहू की कीमतों में कमी से खाद्य महंगाई कम रहेगी तो दूसरी तरफ सरकार को भी अपनी खाद्य वितरण के लिए आसानी रहेगी।
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