सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी शुक्रवार को ज्ञानवापी में स्थित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि इस मामले पर और बारीकी से जांच करनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने यह रोक इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई है। दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 मई, 2023 को मॉर्डन तकनीक का इस्तेमाल कर ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की संरचना की उम्र निर्धारित करने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई अब 7 अगस्त को होनी है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ का कहना है कि हम ASI से रिपोर्ट बुलाने के खिलाफ नहीं हैं। सरकार को विचार करने दें कि विकल्प और मुद्दे क्या हैं? कोर्ट ने यह भी कहा कि इन मामलों में व्यक्ति को सावधानी से चलना होता है।
सुप्रीम कोर्ट में हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ताओं के वकील विष्णु जैन ने तर्क दिया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि संरचना को कोई नुकसान न हो।
सोमवार से होनी थी कार्बन डेटिंग
मुस्लिम पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने कोर्ट को बताया है कि कार्बन डेटिंग सोमवार यानी 22 मई से शुरू होनी है।
ज्ञानवापी मामले को लेकर इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने ‘शिवलिंग’ को सुरक्षित रखने की बात कही थी। उससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई, 2022 को शिवलिंग को सुरक्षित रखने का आदेश दिया था।
क्या है मामला?
यह मामला उस समय शुरू हुआ जब ज्ञानवापी के अंदर पूजा करने के अधिकार की मांग करते हुए एक सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था। हिन्दू पक्ष ने कहा था कि यह एक हिंदू मंदिर है और अभी भी हिंदू देवताओं का घर है।
इसके बाद सिविल कोर्ट ने एक एडवोकेट कमिश्नर द्वारा मस्जिद का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया। इसके बाद परिसर की वीडियो टेपिंग की गई और सिविल कोर्ट को एक रिपोर्ट सौंपी गई। रिपोर्ट में कई बातें निकली जिसमें शिवलिंग भी शामिल है।
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