उत्तराखण्ड के चमोली जिले के जोशीमठ में भूमि धंसाव के कई फोटो और वीडियो बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया के जरिए खूब वायरल हो रहे हैं। जोशीमठ से आ रहे फुटेज लोगों को भावुक तो कर ही रहे हैं साथ ही भय का माहौल भी बन रहा है।
इसी तरह का एक फोटो बीते 1-2 दिनों से खूब वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से लेकर मुख्यधारा का मीडिया भी दावा कर रहा है कि इस भूमि धंसाव के कारण जोशीमठ मन्दिर में स्थापित स्फटिक के शिवलिंग में भी दरार आ गई है।
जोशीमठ के कई घरों, दुकानों और होटल की दीवारों, यहाँ तक कि मन्दिर की दीवारों में भी दरारें आई हैं। ऐसे में स्वाभाविक है कि लोग शिवलिंग में दरार आने के दावे का सच मान रहे हैं।
सोशल मीडिया में भी इसे लेकर चर्चाएं हो रही हैं और पोस्ट डाले जा रहे हैं, लेकिन स्फटिक के शिवलिंग में दरार आने का दावा भ्रामक है।
द पैंफ़लेट की टीम इस समय जोशीमठ में मौजूद है। हमारी टीम ने मन्दिर के पुजारी से सम्पर्क किया है। मन्दिर के पुजारी का कहना है कि सोशल मीडिया पर शिवलिंग में दरार का जो दावा किया जा रहा है वह पूरी तरह भ्रामक है, इसका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है।
पुजारी बताते हैं कि मन्दिर की दीवारों को कुछ नुकसान जरूर हुआ है लेकिन शिवलिंग में किसी भी तरह की कोई आँच नहीं आई है।
जोशीमठ मंदिर के पुजारी का यह भी कहना है कि स्फटिक के शिवलिंग पर जब पानी और दूध लगातार चढ़ाए जाते हैं तो इसके अंदर के रेशे कभी कम तो कभी ज्यादा दिखाई देते हैं। मंदिर के महंत ने बताया कि स्फटिक के शिवलिंग में दरार नहीं आई है। सोशल मीडिया में वायरल तस्वीर सही नहीं है।