उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून में बीते रविवार (20 नवम्बर, 2022) को जबरन मतान्तरण कराए जाने का मामला सामने आया है। देहरादून सचिवालय के निकट ईस्ट कैनाल रोड़ स्थित रवि फ्रांसिस नामक व्यक्ति के घर में इस घटना को अंजाम दिया जा रहा था।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रवि फ्रांसिस के घर पर तड़के दोपहर लगभग 50 से 60 हिन्दुओं का ईसाई मत में मतान्तरण किया जा रहा था। इसके लिए पादरी अमित फ्रांसिस को बुलाया गया था।
दैनिक जागरण के मुताबिक ईसी रोड़ के नजदीक रायपुर, पौड़ी गढ़वाल और अन्य जगहों से महिलाओं और पुरुषों को मतान्तरण के लिए बुलाया गया था।
मतान्तरण कार्यक्रम में पहुँचे एक चश्मदीद ने पूरे घटनाक्रम के बारे में बताते हुए कहा कि रवि फ्रांसिस के घर पर अक्सर ईसाईयों के कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं।
इस बार भी रवि फ्रांसिस के घर पर लोगों को इलाज के नाम पर बुलाया गया था। चश्मदीद ने बताया कि वह भी इस कार्यक्रम में शामिल होने गया था लेकिन वहाँ इलाज के नाम पर हिन्दुओं को भ्रमित किया जा रहा था। इलाज की जगह लोगों से ईसाई मत सम्बन्धी प्रार्थना करवाई जा रही थी।
घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीद ने बताया कि मतान्तरण के कार्यक्रम में पादरी अमित फ्रांसिस हिन्दू धर्म को लेकर आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग कर रहा था। कार्यक्रम के दौरान हिन्दुओं से कहा जा रहा था कि वे अपने घरों में रखे देवी-देवताओं की मूर्तियों, फोटो को बाहर फेंक दो।
साथ ही, हिन्दुओं को प्रलोभन दिया जा रहा था कि अगर वे ईसाई बन जाते हैं तो उनके बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाया जाएगा।
घटनास्थल पर ईसाई मत में परिवर्तन करने के लिए हिन्दुओं के सिर के ऊपर पानी से भरा लोटा घुमाया जा रहा था। लोटा घुमाने के बाद उसका पानी सभी हिन्दुओं के ऊपर छिड़का जा रहा था।
चश्मदीद ने बताया कि उनकी भावनाएँ लगातार आहत की जा रहीं थी। जब उन्होंने इसका विरोध शुरू किया तो रवि फ्रांसिस और अमित फ्रांसिस के साथियों ने उसे पीटना शुरू कर दिया।
परेशानी दूर करवाने गया था चश्मदीद
रवि फ्रांसिस के घर पर भोले-भाले व गरीब लोगों की परेशानियाँ दूर करने का लालच दिया जाता है। चश्मदीद को भी एक व्यक्ति ने बताया था कि अगर घर में किसी भी प्रकार की कोई समस्या है तो ईसी रोड़ स्थित रवि फांसिस के घर पर होने वाले ईसाईयों के कार्यक्रम में जाकर समाधान मिल सकता है।
चश्मदीद का कहना है कि उन्हें नहीं मालूम था कि वहाँ मतान्तरण करवाया जाएगा। वे तो केवल समस्या के समाधान के लिए गए थे। जबकि समाधान के बजाय उन्हें वहाँ पीट दिया गया।
हालाँकि, मतान्तरण की सूचना मिलते ही हिन्दू संगठनों के कई सदस्य रवि फ्रांसिस के घर पहुँच गए थे। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच हंगामा शुरू हो गया था। हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और अमित फ्रांसिस को बाइक पर बिठाकर नजदीकी पुलिस चौकी ले गई।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डालनवाला कोतवाली पुलिस पहले इस मामले को बहुत हल्के में ले रही थी। बाद में उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है।
उत्तराखण्ड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक
उत्तराखण्ड में जबरन मतान्तरण को रोकने के लिए पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट ने 16 नवम्बर, 2022 को गैर-जमानती ‘उत्तराखण्ड धर्म स्वतंत्रता’ (संशोधन) विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी है। अब इसे विधानसभा से पास करवाया जाना है। इसके बाद राज्यापाल की मंजूरी मिलते ही कानून लागू हो जाएगा। जबरन सामूहिक मतांतरण पर 3 से लेकर 10 वर्ष तक कारावास का प्रावधान किया गया है। जुर्माने की राशि भी 15 हजार रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए की गई है।