भारत में सड़कों और रेलवे का जाल बिछाने का काम लगातार तेज गति से हो रहा है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार भारत ने जितने नेशनल हाइवे और रेल पटरियां 1950 से 2015 के बीच बिछाई हैं, उससे ज्यादा रेलवे लाइन और नेशनल हाइवे का निर्माण 2015 से 2025 के अंत तक हो जाएगा।
टाइम्स नाऊ की एक खबर के अनुसार बैंक ऑफ अमेरिका सिक्यूरिटीस इंडिया की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत में 2025 तक नेशनल हाइवे की लम्बाई 1,80,000 किलोमीटर तक पहुँच जाएगी।
हर क्षेत्र में भारत में हुई तरक्की
2015 तक यह संख्या 77,000 किलोमीटर थी जिसमें मात्र 4,000 किलोमीटर नेशनल हाइवे 1950 से 2015 के दौरान नए बनाऐ गए। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की वेबसाईट के अनुसार वर्तमान में देश में 1,32,500 किलोमीटर नेशनल हाइवे हैं।
वहीं, रेलमार्गों के विषय में यह रिपोर्ट बताती है कि भारत में आजादी के समय 10,000 किलोमीटर रेलमार्ग थे, जो कि 2015 तक 63,000 किलोमीटर हो गए, 2025 तक यह संख्या 1,20,000 किलोमीटर पहुँच जाएगी।
आगे भारत में सामुद्रिक यातायात क्षमता के बारे बताते हुए यह रिपोर्ट बताती है कि भारत में वर्ष 2015 तक 1,911 मिलियन मीट्रिक टन सँभालने की क्षमता थी जो कि वर्ष 2025 तक बढ़कर 3,000 हो जाने की सम्भावना है।
रिपोर्ट बताती है की भारत में अब हर एक घर में एलपीजी गैस सिलेंडर की सुविधा है, लोकसभा में दिए गए जवाब में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री रामेश्वर तेली ने बताया कि वर्तमान में देश में 30.95 करोड़ एलपीजी गैस उपभोक्ता हैं।
रिपोर्ट में भारत में हर घर में नल से जल पहुंचाने की योजना की बात भी कही गई है, जल जीवन मिशन की वेबसाईट के अनुसार भारत में में 19 करोड़ घरों में से 9.92 करोड़ घरों में नल से जल पहुँचाने की सुविधा है, योजना के 2019 में शुरू होने से पहले भारत में मात्र 3.23 करोड़ घरों में सीधे नल से जल पहुँचाने की व्यवस्था ही थी।
लोकसभा में दिए गए एक जवाब के अनुसार के अनुसार वर्ष 2015 के मध्य तक भारत में करीब 27 लाख घरेलू पाईपलाइन गैस कनेक्शन थे, वहीं वर्ष 2021 के मार्च महीने तक 78 लाख से अधिक घरों में पाईपलाइन गैस के कनेक्शन दिए जा चुके थे। यह संख्या पिछले 7 वर्षों में करीब तीन गुनी हो गई है।
भारत में पिछले कुछ वर्षों में पक्के घरों की संख्या में काफी ज्यादा बढ़ोत्तरी हुई है, 1.75 करोड़ घर प्रधान मंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत पिछले 7 साल में बने हैं, इससे पहले इंदिरा आवास योजना के तहत घरों के बनने की रफ़्तार काफी धीमी थी।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना के अंतर्गत भारत में बैंकिंग सेवाओं की उपलब्धता में काफी बढ़ोत्तरी हुई है, वर्ष 2015 से अब तक प्रधानमंत्री जन – धन योजना के अंतर्गत 43.04 करोड़ जन-धन खाते खोले जा चुके हैं।
रिपोर्ट के अनुसार भारत अपने कार्बन फुटप्रिंट को घटाने के लिए भी बड़ी राशि खर्च करेगा और विश्व में जलवायु परिवर्तन को घटाने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।
इन सब आंकड़ो को देखने से हमें पता चलता है कि भारत में जितना विकास विभिन्न क्षेत्रों में 1950 से लेकर 2015 तक हुआ उससे कहीं ज्यादा पिछले 7-8 वर्षों में हुआ है, वर्तमान सरकार की आलोचना करने वाले यह भूल जाते हैं कि भारत की आम जनता के जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन आए हैं।