राजनीतिक सरगरमियों के बीच राष्ट्रीय लोक जनता दल (RLJD) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बृहस्पतिवार (अप्रैल 20, 2023) को राजधानी दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। बैठक में कुशवाहा के साथ आरएलजेडी महासचिव माधव आनंद और बिहार के पूर्व अध्यक्ष संजय जायसवाल भी मौजूद रहे।
माना जा रहा है कि चुनावों के पूर्व कुशवाहा बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल हो सकते हैं। कुशवाहा की शाह के साथ मुलाकात राजनीतिक मानी जा रही है। दोनों नेताओं द्वारा बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जदयू के पिछले वर्ष भाजपा से गठबंधन तोड़ कर राष्ट्रीय जनता दल से हाथ मिलाने के बाद बनी राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा की।
उल्लेखनीय है कि जनता दल (यूनाइटेड) छोड़ने और अपनी खुद की पार्टी आरएलजेडी बनाने के बाद कुशवाहा की अमित शाह के साथ पहली मुलाकात थी। कुशवाहा का एनडीए के साथ जुड़ने का फैसला बिहार में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की महागठबंधन सरकार को सत्ता से बेदखल करने की ओर कदम हो सकता है।
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मीडिया से बात करते हुए आरएलजेडी के महासचिव माधव आनंद ने कहा, “यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी। जब भी दो नेता मिलते हैं तो राजनीति मुद्दे बातचीत का हिस्सा बन ही जाते हैं। इसलिए मैं यह नहीं कहूंगा कि आज की बैठक में बिहार की राजनीति पर चर्चा नहीं हुई। उन्होंने बताया कि बैठक में बिहार की राजनीति एवं राज्य के सर्वांगीण विकास पर बात हुई। गृहमंत्री शाह द्वारा बिहार के विकास के लिए अपनी योजनाओं को भी साझा किया गया।”
वहीं गठबंधन की चर्चाओं पर बात करने पर आनंद का कहना है कि राजनीति संभवनाओं का नाम है। हम नीतीश कुमार की नीतियों के खिलाफ हैं पर फिलहाल गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं हुई है। आनंद ने अमित शाह की बात करते हुए कहा, “हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि गृह मंत्री के पास बिहार के विकास के लिए एक स्पष्ट दृष्टिकोण है जो राज्य और वहां के लोगों के लिए अच्छा है।”
नीतीश कुमार अब राजद के साथ है और भाजपा संगठन से नीतीश की मान-मनौव्वल करने की आशंका नहीं जताई जा रही। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनावों में कुशवाहा का एनडीए में शामिल होना नीतीश की कमी को पूरा कर सकता है।
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