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Home » PAK से ISI एजेंट बनकर UP लौटा कलीम, भारत में जिहाद फैलाना, स्लीपर सेल तैयार कर दंगे भड़काने का मिला है टास्क, STF ने दबोचा
रक्षा एवं आंतरिक सुरक्षा

PAK से ISI एजेंट बनकर UP लौटा कलीम, भारत में जिहाद फैलाना, स्लीपर सेल तैयार कर दंगे भड़काने का मिला है टास्क, STF ने दबोचा

कलीम की पहचान आईएसआई से जुड़े लोगों से पाकिस्तान में रहने वाले रिश्तेदारों से मुलाकात के दौरान हुई थी। उसे पैसों का लालच देकर भारत में जिहाद फैलाने के लिए असलहा, गोला बारूद और पैसा देने का वादा किया गया था।
The Pamphlet StaffBy The Pamphlet StaffAugust 18, 2023No Comments4 Mins Read
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एक साल से अधिक समय तक पाकिस्तान की जेल में रहने के बाद आईएसआई एजेंट को भारत वापस भेज दिया गया।
एक साल से अधिक समय तक पाकिस्तान की जेल में रहने के बाद आईएसआई एजेंट को भारत वापस भेज दिया गया।
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उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया है कि पाकिस्तान की जेल में रहने के बाद भारत वापस भेजा गया एक व्यक्ति पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के एजेंट के रूप में काम कर रहा था। भारत के इस परिवार को एक वर्ष से अधिक समय तक पाकिस्तान की जेल में हिरासत में रखने के बाद वापस भारत भेज दिया गया था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वह करीब 4-5 दिन पहले पाकिस्तान से लौटा था।

पकड़ा गया कलीम 12 अगस्त को अपनी अम्मी आमना और अब्बा नफीस के पास पाकिस्तान जेल से रिहा होकर शामली लौटा था। इस परिवार ने अब उत्तर प्रदेश पुलिस को यह जानकारी दी है कि बेटा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट बन गया था।

कलीम अहमद (35) को एक साल से अधिक समय तक पाकिस्तानी जेल में रखा गया था। हालाँकि, अब उत्तर प्रदेश पुलिस का दावा है कि इस कहानी में और भी बहुत कुछ शेष है।

यूपी एसटीएफ का आरोप है कि कलीम अहमद भारत-पाकिस्तान सीमा पर हथियारों की तस्करी में शामिल था। उसे पिछले साल पाकिस्तानी सीमा शुल्क विभाग ने पकड़ा था। हालाँकि, तब ISI (पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी) ने हस्तक्षेप कर इस पूरे परिवार को पाकिस्तान की जेल से रिहा करा लिया। यूपी पुलिस के अनुसार, कलीम को आईएसआई ऑपरेशन के तहत पुनः भारत ‘निर्वासित’ कर दिया गया था।

पूछताछ के दौरान पता चला कि सहारनपुर निवासी यूसुफ समसी नाम के व्यक्ति ने कलीम और उसके भाई तहसीम को फर्जी आईडी वाले सिम कार्ड उपलब्ध करवाए थे। इनका इस्तेमाल पाकिस्तान में आईएसआई हैंडलर्स के साथ जानकारी साझा करने के लिए किया जा रहा था।

कलीम के पास से उर्दू में लिखी कुछ फाइलें भी बरामद हुई हैं जिनकी अब जांच की जा रही है। कलीम को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है और पूछताछ से पता चला है कि वह आईएसआई के एजेंट के रूप में काम कर रहा था और उनकी ओर से भारत-विरोधी गतिविधियों में शामिल था और भारत की सुरक्षा के खिलाफ काम कर रहा था।

कलीम की पहचान आईएसआई से जुड़े लोगों से पाकिस्तान में रहने वाले रिश्तेदारों से मुलाकात के दौरान हुई थी। उसे पैसों का लालच देकर भारत में जिहाद फैलाने के लिए असलहा, गोला बारूद और पैसा देने का वादा किया गया था। इसके अलावा आईएसआई ने कलीम को एक और जिम्मेदारी भी दी थी, जिसके तहत उसे भारत में शरीयत कानून लागू करने के लिए लोगों को जोड़ना था।

अधिकारियों ने कहा कि कलीम अहमद ने फर्जी आईडी का इस्तेमाल कर एक सिम कार्ड खरीदा था और इसका इस्तेमाल राफेल लड़ाकू विमानों की तस्वीरों सहित रक्षा प्रतिष्ठानों की तस्वीरें पाकिस्तान में अपने हैंडलर्स को भेजने के लिए किया था।

समाचार चैनल आजतक में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, कलीम जैसों के ही माध्यम से पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ने स्लीपर सेल का नेटवर्क तैयार किया है और उनके माध्यम से भारत में दंगे भड़काने की भी तैयारियां चल रही हैं। ‘आजतक’ ने कुछ ऐसी चैट भी सामने रखी हैं, जिनमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के अफसर के साथ कलीम के चैट्स भी मौजूद हैं। इनमें कलीम लाहौर में ISI का अफसर दिलशाद मिर्जा उर्फ शेख खालिद हाफिज कलीम से बात कर रहा है।

यही नहीं, ये लोग भारतीय सेना की जासूसी करने के साथ साथ राफेल आदि से जुडी जानकारियां भी पाकिस्तान पहुँचाने का काम कर रहे थे। इस चैट में आईएसआई को यह जानकारी भी दी गई है कि उनके ठिकाने पर पुलिस का छापा पड़ा है। इस मामले में शामिल अन्य लोगों की पूरी जानकारी और कथित भूमिका का पता लगाने के लिए जांच जारी है।

एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि कलीम अहमद पांच भाइयों में तीसरा सबसे बड़ा है। उसका एक बड़ा भाई तहसीम अहमद भी कथित तौर पर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था।

शामली स्थित घेरबुखारी नौकुआं के 36 वर्षीय कलीम अहमद पर आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 121-ए (देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना), 153-ए (दो लोगों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295-ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, जिसका उद्देश्य किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना है) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धाराओं के तहत कोतवाली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।

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