रामपुर उपचुनाव में 20 सालों से चली आ रही समाजवादी पार्टी और आज़म खान की बादशाहत आज समाप्त हो गई है। भाजपा ने इस सीट पर निर्णायक जीत दर्ज कर ली है। वहीं मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट पर रालोद प्रत्याशी ने विजय प्राप्त की है।
दूसरी तरफ, मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने जीत दर्ज की है। उन्होंने यहाँ पर भाजपा के प्रत्याशी को हराया है।
उत्तर प्रदेश में आज 2 विधानसभा एवं 1 लोकसभा सीट पर हुए उपचुनावों के नतीजे आए हैं। जहाँ समाजवादी पार्टी के यादव परिवार के गढ़ मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव के निधन की सहानूभूति ने डिंपल यादव को जीतने में मदद की, वहीं रामपुर में समाजवादी पार्टी का अभेद्य दुर्ग ढह गया।
रामपुर सदर सीट से भाजपा के आकाश सक्सेना ने समाजवादी पार्टी के आसिम रजा खान को हराया है। आसिम, कई मामलों में जमानत पर बाहर चल रहे हैं जो समाजवादी पार्टी नेता आजम खान के करीबी हैं। पिछले 20 साल से लगातार इस सीट पर आजम खान के परिवार कब्ज़ा था। आजम खान लगातार यहाँ से समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीतते आए हैं।
रामपुर में आजम की बादशाहत खत्म
इन उपचुनावों में सबसे ज्यादा चर्चा रामपुर के विधानसभा उपचुनाव पर थी। रामपुर कई सालों से आज़म खान के एक किले की तरह रहा है। वह इस सीट से 10 बार विधायक रहे हैं। आजम वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों में रामपुर सदर सीट से विधायक चुने गए थे।
कई मामलों में जमानत पर जेल से बाहर चल रहे आजम खान की अक्टूबर माह में MP/MLA कोर्ट ने 2019 के दौरान दिए गए एक विवादित बयान के फैसले से उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द की थी। समाजवादी पार्टी ने उन्हें या उनके परिवार के किसी भी सदस्य को टिकट ना देकर उनके करीबी आसिम रजा खान को मैदान में उतारा था।
वहीं, भाजपा ने कार्यकर्ता आकाश सक्सेना उर्फ़ हनी को मैदान में उतारा था। वह आजम खान के खिलाफ किए गए कई मुकदमों में भी शामिल रहे हैं। आकाश सक्सेना ने इससे पहले 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव भी लड़ा था, जिसमें वह आजम से हार गए थे।
इस बार उन्होंने बड़ा उलटफेर करते हुए आसिम रजा खान को कड़ी शिकस्त दी है। एक तथ्य यह भी है कि मुस्लिम बहुल विधानसभा सीट पर आजादी के बाद से पहली बार कोई हिन्दू विधायक चुना गया है। भाजपा भी इस सीट पर पहली बार परचम लहराने में सफल रही है। आकाश सक्सेना ने अपने प्रतिद्वंदी आसिम रजा को 34,100 वोटों के अन्तर से हराया है।
नहीं हुआ विवादित बयानों का फायदा
इन उपचुनावों के प्रचार के दौरान आजम खान ने फिर से विवादित बयान दिए थे। उन्होंने कहा था कि जैसा जुल्म मुझ पर हुआ है, मैं अगर ऐसा ही जुल्म चार सरकारों में रहते हुए करता तो बच्चा माँ के पेट से पैदा होने से पहले आजम खान से पूछता कि पैदा होना भी है या नहीं।
इसके अलावा अखिलेश यादव ने कहा था कि अगर हमारी सरकार आई तो आज की राजनीति के कारण अहम बदले की राजनीति करने को मजबूर होंगें।
हालाँकि, चुनाव नतीजों पर इन बयानों का कोई फर्क नहीं पड़ा। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार आकाश सक्सेना ने बड़े अंतर से यह सीट जीत ली है। उनकी इस जीत के पीछे आजम के कई करीबियों का भी हाथ रहा है। आजम के प्रवक्ता रहे सानू भी अभी कुछ दिन पहले भाजपा में आ गए थे। प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में सपा को जीत हासिल हुई है। यह सीट समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई थी।
मैनपुरी में सहानूभुति फैक्टर ने दिखाया कमाल
मैनपुरी लोकसभा सीट पर मुलायम यादव की जगह लेने के लिए सपा ने डिंपल यादव को उतारा था, भारतीय जनता पार्टी ने इलाके में शाक्य वोटरों की संख्या देखते हुए रघुबीर शाक्य को टिकट दिया था। इस सीट पर डिंपल यादव ने भारी मतों से जीत दर्ज की है। डिंपल यादव को 6.18 लाख वोट मिले, वहीं शाक्य को 3.29 लाख वोट मिले। डिंपल यादव की जीत के पीछे मजबूत यादव वोट और सहानूभूति फैक्टर सबसे असरदार रहा।
खतौली में गठबंधन ने बटोरे वोट
उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिले मुजफ्फरनगर की खतौली सीट पर हुए उपचुनावों में रालोद प्रत्याशी मदन भैया ने जीत दर्ज की है। यह सीट भाजपा विधायक की विधानसभा सदस्यता रद्द होने से खाली हुई थी। रालोद को सपा और चन्द्रशेखर का भी समर्थन मिला था।
भाजपा ने इसके जवाब में राजकुमारी को मैदान में उतारा था। रालोद प्रत्याशी मदन भैया ने निर्णायक जीत दर्ज करते हुए 22,165 वोटों के अन्तर से अपनी प्रतिद्वंदी राजकुमारी को मात दी। मदन भैया की जीत के पीछे सपा और रालोद के वोट बैंक का एकत्र होना एक कारण माना जा रहा है।