देश के शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर में लगातार कमी आ रही है। इसके अतिरिक्त, इन इलाकों के कार्यों में लोगों की सहभागिता भी लगातार बढ़ रही है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वन मंत्रालय (MoSPI) की एक नई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
MoSPI द्वारा मार्च तिमाही के लिए जारी किए गए पीरियोडिक लेबर फ़ोर्स सर्वे (PLFS) में सामने आया है कि इस दौरान देश के शहरी इलाकों में बेरोजगारी की दर 6.8% रही है। यह इसके पिछले एक वर्ष का सबसे निचला स्तर है।
इससे पहले अक्टूबर-दिसम्बर (2022) तिमाही में यह दर 7.2% थी, जबकि इसके पीछे की दो तिमाहियों में यह क्रमशः 7.2% और 7.6% थी। पिछले वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान यह दर 8.2% पर थी। ऐसे में इसमें एक वर्ष के भीतर शहरी इलाक़ों में बेरोज़गारी में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है।

गौरतलब है कि इस सर्वे के शुरू किए जाने के बाद से यह शहरी बेरोजगारी की दर का सबसे निचला स्तर है। देश में बरोजगारी की दर वर्ष 2020 के कोरोना लॉकडाउन के दौरान 20% से भी ऊपर पहुँच गई थी। हालाँकि, इसके पश्चात इसी वर्ष के अक्टूबर-दिसम्बर तिमाही में इसमें कमी आई थी और यह 10.3% के स्तर पर पहुँच गया था।
एक दो बार बढ़त के बाद वर्ष 2021 की अप्रैल-जून तिमाही से यह लगातार घट रही है। इसके पीछे देश की अर्थव्यवस्था पर कोरोना महामारी का घटता प्रभाव और बढ़ी हुई मांग प्रमुख हैं।
वैश्विक बाजार में मंदी के संकेतों के बाद भी देश में मांग मजबूत बने रहने के कारण आपूर्ति को बढाने की आवश्यकता पड़ी है जिससे नए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। पिछले दिनों औद्योगिक गतिविधियों के लिए आए आंकड़े भी इसी तरफ इशारा कर रहे हैं। सेवा क्षेत्र में तेजी वर्तमान में 13 वर्षों में सर्वोच्च स्तर पर है, जबकि निर्माण क्षेत्र में भी लगातार तेजी बनी हुई है।
ताजा सर्वे के अनुसार, जनवरी से मार्च के बीच देश के शहरी इलाकों में महिलाओं की बेरोजगारी दर 9.2% रही है, जबकि पुरुषों में यह 6.0% है। महिला और पुरुष, दोनों की बेरोजगारी दर में लगातार कमी आई है। सर्वे में बताया गया है कि इस दौरान जनसंख्या के मुकाबले काम करने वालों की संख्या में बढ़त हुई है।
सर्वे के अनुसार, जनवरी-मार्च तिमाही में 69.1% पुरुष और 20.6% महिलाएं किसी ना किसी रोजगार में संलग्न हैं। दोनों को मिलाकर शहरी जनसंख्या के 45.2% लोग वर्तमान में रोजगार में संलग्न हैं। यह पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 43.4% था और पिछली दो तिमाहियों में क्रमशः 44.5% और 44.7% रहा है।
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