शुक्रवार, 13 अक्टूबर, 2023 को उत्तर प्रदेश सरकार की एक प्रेस विज्ञप्ति में इस बात को रेखांकित किया गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाले उत्तर प्रदेश ने समाज के हर वर्ग को रोजगार उपलब्ध कराने में अभूतपूर्व प्रगति की है। नए पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर 2017-18 में 6.4% से घटकर 2022-23 में 2.6% हो गई है। यह वर्ष 2022-23 में राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 3.4% से कम है।
बड़े पैमाने पर सरकारी नौकरी का प्रावधान
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए पिछले साढ़े छ: वर्षों में कई पहल की हैं। ‘मिशन रोज़गार’ अभियान के तहत विभिन्न विभागों में 6 लाख से अधिक सरकारी नौकरियाँ सृजित की गई हैं। नवनियुक्त अभ्यर्थियों को मासिक आधार पर निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से नियुक्ति पत्र जारी किये जाते हैं।
अकेले पुलिस विभाग में ही 1.5 लाख से अधिक नौकरियाँ दी गई हैं। स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, होम्योपैथी आदि क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर भर्तियां हुई हैं। जुलाई-अक्टूबर के महीने में विभिन्न पदों के लिए कुल 13,000 से अधिक उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी किए गए थे। वहीं, इस अक्टूबर माह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 394 होम्योपैथिक फार्मासिस्टों को नियुक्ति पत्र जारी किए थे, साथ ही 219 प्रिंसिपलों का चयन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा किया गया था।
निजी क्षेत्र के रोजगार को बढ़ावा
सरकार की व्यापार-समर्थक नीतियों और पहलों ने राज्य में निजी क्षेत्र के निवेश और रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया है। निजी क्षेत्र में नए अवसरों ने सार्वजनिक क्षेत्र की भर्ती को पूरक बनाया है।
बेरोजगारी दर पर प्रभाव
रोजगार सृजन की दिशा में ठोस प्रयासों के परिणामस्वरूप, 2017-18 की तुलना में 2022-23 में उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर में 3.8% की तेज गिरावट देखी गई। इस सकारात्मक रुझान से मिशन रोजगार की सफलता स्पष्ट है।
कुल मिलाकर, अगर देखा जाए तो योगी सरकार के तहत बेरोजगारी दर में उल्लेखनीय गिरावट से यह पता चलता है कि बड़े पैमाने पर सरकारी नौकरियां प्रदान करने की उनकी ‘मिशन रोजगार’ पहल राज्य के युवाओं को सशक्त बनाने में सफल रही है। निष्पक्ष भर्ती प्रक्रियाओं ने यह भी सुनिश्चित किया है कि योग्य उम्मीदवारों को सरकारी रोजगार के अवसर मिलें।