संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व जनसंख्या संभावना 2022, रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार 15 नवंबर 2022 तक विश्व की जनसंख्या 8 अरब के आंकड़े को छू सकती है। साथ ही, वैश्विक जनसंख्या 2030 तक 8.5 बिलियन, 2050 में 9.7 बिलियन और 2100 में 10.4 बिलियन तक बढ़ सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2023 तक चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन जाएगा। हालाँकि, इन आंकड़ों में यह सामने आया है कि वैश्विक जनसंख्या जिस दर से बढ़ रही है वो 1950 के पहले की दर से कम है और 2020 में तो यह 1 प्रतिशत के अंदर दर्ज की गई है।
क्या कहते हैं आँकड़े
विश्व की जनसंख्या 2080 तक करीब 10.4 बिलियन तक पहुँच जाएगी और वर्ष 2100 तक इस आंकड़े के आस-पास स्थिर रहेगी। इसमें प्रजनन दर में गिरावट, देर से शादी और बहुत से कारण हो सकते हैं लेकिन, फिलहाल यह आंकड़े एक नई तस्वीर पेश कर रहे हैं।
- जन्म के समय महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले ज्यादा जीवन प्रत्याशा पाई गई, जो कि क्रमश: 73.8 और 68.4 रही।
- 2050 तक वैश्विक जनसंख्या का विकास इससे पिछले वर्षों में हुई गतिविधियों से प्रभावित होगा क्योंकि, यह वर्तमान की जनसंख्या के युवा आयु से संबंधित रहेगा और यह वृद्धि ऐसी ही जारी रहेगी, चाहे यह दर प्रति महिला दो जन्म के स्तर पर पहुँच जाए।
- 2050 तक बढ़ने वाली जनसंख्या का आधा से ज्यादा हिस्सा दुनिया के करीब 8 देशों में केंद्रित रहेगा, जिनमें- कांगो, मिस्त्र, इथोपिया, भारत, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस और तंजानिया शामिल रहेंगे।
दुनिया के कई बड़े देशों में उनकी अव्यवस्थित दर आकार के आधार पर उनकी रैंकिग को प्रभावित करेगी। अफ्रीका के देशों की जनसंख्या 2100 तक लगातार वृद्धि करेगी, जिससे 2050 की अनुमानित जनसंख्या में इनके 50 प्रतिशत से ज्यादा योगदान का अनुमान है।
वहीं, ऑस्ट्रेलिया,न्यूजीलैंड, उत्तरी अफ्रीका, पश्चिमी एशिया और ओशिनिया क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को छोड़कर बाकी सभी देशों की जनसंख्या में सकारात्मक लेकिन, धीमी वृद्धि का अनुमान है।
भारत की स्थिति
रिपोर्ट के आधार पर भारत 2023 तक चीन को पछाड़कर दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन जाएगा। फिलहाल, भारत की जनसंख्या 1.412 अरब है और चीन की आबादी 1.426 अरब है। वहीं भारत की 2050 तक आबादी रिपोर्ट के मुताबिक 1.668 अरब तक पहुँच जाएगी।
- भारत की जनसंख्या की विकास दर में कमी आई है। जहाँ 1972 में यह 2.3 प्रतिशत थी वही आज 1 प्रतिशत से कम में सिमट कर रह गई है।
- भारत ने प्रतिस्थापन प्रजनन दर प्राप्त कर ली है, जिसका अर्थ है कि एक आबादी अपने आपको एक पीढ़ी से दूसरी में बदल देती है।
- भारत में प्रजनन दर में भी गिरावट आ रही है और स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए विकास और परियोजनाओं के चलते मृत्यु दर में भी गिरावट दर्ज की गई है।
बढ़ती जनसंख्या की चुनौतियां
भारत सबसे युवा आबादी वाला देश है जिसका फायदा देश को आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा के क्षेत्रों में नजर आता है। हालाँकि, बढ़ती आबादी के लिए आवश्यक प्राकृतिक संसाधन और आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना एक बड़ी चुनौती होगी।
- बढ़ती जनसंख्या का सबसे अधिक प्रभाव जीवन की गुणवत्ता पर पड़ता है, जिसमें शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में अधिक निवेश, कृषि क्षेत्र का विकास, सभी के लिए आवास, पानी-बिजली की सुचारु सुविधाएं देने की चुनौती होती है।
- बढ़ती जनसंख्या का लाभ किसी भी देश को तब मिलता है जब उनका आर्थिक क्षेत्र में मजबूत योगदान हो। हालाँकि, भारत की स्थिति में निम्न साक्षरता दर से अवसरों की कमी हो सकती है।
- युवा आबादी जब बढ़गी तो भारत में 65 वर्ष से ऊपर के आयु के लोग भी तेजी से बढ़ेगे, जिसके चलते आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में दबाव बढ़ा देगा।
भारत के समक्ष बड़ी आबादी के साथ बड़ी चुनौतियां हों लेकिन, इसका सही योजनाओं और कार्यक्रमों द्वारा ना सिर्फ फायदा प्राप्त किया जा सकता है बल्कि संसाधनों का भी सही उपयोग किया जा सकता है।
- भारत की युवा आबादी देश के विकास में तब योगदान दे पाएगी जब वो कौशल अर्जित करेगी। इसके लिए मोदी सरकार स्किल इंडिया मिशन, मेक इन इंडिया, फिट इंडिया अभियान, डिजिटल इंडिया प्रोग्राम जैसी योजनाएं चला रही हैं।
- भारत में वृद्ध आबादी के लिए सामाजिक सुरक्षा, पेंशन, स्वास्थ्य सुविधाएं और उन्हें घर-परिवार का हिस्सा बनाएं रखना होगा, जिससे सरकार पर बोझ कम होता है। वृद्धों को परिवार का हिस्सा बनाए रखने के लिए युवाओं को अपनी जड़ या परंपराओं की ओर लौटना होगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास, महिलाओं में शिक्षा का प्रसार और महिलाओं को कार्यबल का हिस्सा बनाना ऐसे कुछ उपाय हैं जो बढ़ी आबादी को देश के विकास की ओर मोड़ देगा। AMRUT, PMAY-U, स्मार्ट सिटी और सतत विकास के लिए जारी कई योजनाओं से देश को लाभ मिला है। अब आय का सही बंटवारा और योजनाओं का शहर और गाँवों में प्रत्येक घर तक लाभ देश की बढ़ती जनसंख्या को देश के विकास का सबसे बड़ा हिस्सा बना देगा।