कर्नाटक स्थित उडुपी के एक कॉलेज से मुस्लिम छात्राओं द्वारा वॉशरूम में हिंदू छात्राओं के वीडियो शूट किए जाने के शर्मनाक मामले को लेकर बुधवार, 26 जुलाई को कर्नाटक के गृहमंत्री जी परमेश्वर ने आपत्तिजनक बयान दिया।
इस शर्मनाक मामले को लेकर जी परमेश्वर ने कहा, “उडुपी के कॉलेज में जो हुआ वो ‘बहुत छोटी घटना’ है और इसे राजनीतिक रंग देने की जरूरत नहीं है। साथ ही जब कॉलेजों में ये सब हो रहा है तो वो ऐसे छोटे-छोटे मुद्दों पर राजनीति कर रहे हैं, बीजेपी को ये बंद करना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, ”यह कोई ‘गंभीर मुद्दा’ नहीं है। यह कॉलेज परिसर में और दोस्तों के बीच हुआ है। भाजपा इस घटना को राजनीतिक रंग देने की कोशिश क्यों कर रही है? सभी कॉलेज विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों से बंधे हैं जो ऐसे मामलों को देखने के लिए एक समिति का गठन करता है। फ़िलहाल इसके पीछे कोई आपराधिक इरादा नहीं है, उन्होंने यह संकेत देते हुए कहा कि पुलिस कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है।”
एक राजनेता की ओर से ये बहुत ही बड़ा और गंभीर बयान है क्योंकि कुछ महिलाएं इस घटना को लेकर जमकर आवाज़ उठा रही हैं।
आपको बता दें, हाल ही में उडुपी के नेत्र ज्योति कॉलेज से महिला शौचालय में तीन मुस्लिम महिलाओं द्वारा हिन्दू लड़कियों की वीडियो रिकॉर्डिंग का मामला सामने आया था। कॉलेज प्रबंधन ने कथित तौर पर मामले की जांच की और निष्कर्ष निकाला कि वीडियो हटा दिया गया था, जिससे मामला बंद हो गया।
हालाँकि, रश्मि सामंत और शेफाली वैद्य सहित कई एक्टिविस्ट ने इस मामले को उठाने और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की, जिससे इस मामले ने बड़ा रूप ले लिया। इस मामले को लेकर कई महिलाओं का कहना है कि ऐसे मामलों को कॉलेज और प्रैंक का हवाला देकर नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता ऐसे मामलों पर कड़ी से कड़ी करवाई की आवश्यकता है। अब इसी बीच जी परमेश्वर का ये बयान साफ़ साफ़ दर्शाता है कि कर्णाटक सरकार महिलाओं पर हो रहे अपराध को लेकर कितनी चिंतित हैं।
इसके साथ ही उडुपी जिले के मालपे पुलिस स्टेशन में दो सुओ मोटो केस रजिस्टर्ड किए गए हैं। सबूत मिटाने और पुलिस को जानकारी न देने के आरोप में तीन मुस्लिम महिलाओं और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई थी।
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