यूनिफार्म सिविल कोड पर अपनी असहमति वाली राय को बड़ी संख्या में लॉ कमीशन तक पहुंचाने के लिए आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने नया तरीका ईजाद किया है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मस्जिदों में QR कोड लगाने चालू किए हैं जिनके अंदर UCC को लेकर लॉ कमिशन को भेजी जाने वाले राय पहले से ही डाली गई है।
एक न्यूज पोर्टल के अनुसार, इन QR कोड को उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों की मस्जिदों में लगाया गया है और यहाँ आने वाले नमाजियों को मस्जिदों के इमाम समझा रहे हैं कि कैसे QR के जरिए UCC पर AIMPLB द्वारा पहले से ही लिखी गई राय को लॉ कमीशन को भेजना है। गौरतलब है कि AIMPLB ने UCC का विरोध किया है और कहा है कि इसे वह किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे।
इसी तरह का एक मामला फर्रुखाबाद से सामने आया है, जहाँ एक गाँव में बनी हुई मस्जिद में यह ‘NO UCC’ वाले QR लगाए गए हैं। इन QR का उपयोग करने के AIMPLB से जुड़े लोगों ने एक वीडियो भी बनाया है जिसमें एक व्यक्ति इस QR को उपयोग करने के तरीके को समझा रहा है। इस पूरी व्यवस्था में लोगों के द्वारा अपनी निजी राय देने की नहीं बल्कि AIMPLB द्वारा लिखी गई राय को भेजने की बात कही गई है।
QR को स्कैन करते ही लोगों के फोन में पहले से ही लिखा हुआ इमेल आ जाएगा और मात्र सेंड बटन दबाकर ही उसे लॉ कमीशन को भेजा जा सकेगा। बताया जा रहा है कि इन QR वाले पर्चों को AIMPLB के सचिव मौलाना फैसल वाली रहमानी के द्वारा बंटवाया गया है। लोगों को QR स्कैन करने के तरीके को बताने वाले वीडियो को बड़ी संख्या में व्हाट्सएप पर भी शेयर किया गया है।
पर्चे पर लिखा है कि हजरत मौलाना सैय्यद अहमद वाली फैसल रहमानी साहब अमीर शरीयत बिहार, झारखंड और ओड़िशा के निर्देश पेर इमारत शरिया बिहार, ओड़िशा एवं झारखंड फुलवारी शरीफ पटना द्वारा सामान नागरिक संहिता के सम्बन्ध में भारत के विधि आयोग द्वारा जारी नोटिस के जवाब में आपत्ति सन्देश का नमूना तैयार किया गया है।
लॉ कमीशन ने UCC पर अपनी राय और आपत्तियों को भेजने के लिए 14 जुलाई तक का समय दिया है। लॉ कमीशन को अभी तक लगभग 47 लाख ऐसे सुझाव प्राप्त हो चुके हैं। UCC पर हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा बयान देने के बाद बहस तेज हो गई थी। हालाँकि, AIMPLB की राय को बड़े स्तर पर लॉ कमिशन तक भेजे जाने के इस तरीके पर प्रश्न उठ रहे हैं कि यह कितना सही है।
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