तृणमूल कांग्रेस ने आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए डेरेक ओ’ब्रायन, डोला सेन, सुखेंदु शेखर रे, समीरुल इस्लाम, प्रकाश चिक बड़ाईक और साकेत गोखले की उम्मीदवारी की घोषणा की। पार्टी ने इसकी जानकारी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दी है।
ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल की सातराज्यसभा सीटों के लिए 24 जुलाई को चुनाव होगा। मतगणना 24 जुलाई को ही की जायेगी। छह सदस्यों का कार्यकाल समाप्त गया है और सातवीं सीट पर उपचुनाव हो रहा है क्योंकि तृणमूल के टिकट पर चुने गए लुइजिन्हो फलेरियो ने अपना कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था।
अब ये सभी प्रत्याशी अब नामांकन पत्र जमा करेंगे। नामांकन पत्र तैयार करने का दायित्व पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्य के संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय एवं विधानसभा में उप मुख्य सचेतक तापस राय को सौंपा गया है। वे विधायकों से समन्वय बनाकर नामांकन पत्र तैयार करेंगे।
सबसे चौंकाने वाला नाम इस सूची में फेक न्यूज़ फ़ैलाने के आरोपित साकेत गोखले का रहा है।
कौन हैं साकेत गोखले
साकेत गोखले राहुल गांधी के करीबी रहे हैं और आज टीएमसी के सदस्य हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक पृष्ठभूमि का प्रयोग निजी हित के लिए आराम से किया है। क्राउडफंडिंग वेबसाइट जैसे OurDemocracy.in और Razorpay (रेजरपे) का उपयोग करके TMC नेता ने लगभग ₹1.04 करोड़ जुटाए। गोखले ने ‘फाइट विद आरटीआई’, ‘साकेत बनाम मोदी’ और ‘जस्टिस फॉर सुहास गोखले’ नाम से तीन अभियान चलाए।
साकेत गोखले ने पैसे एक कथित तौर पर आरटीआई और सामाजिक कार्यकर्ता के नाम से RTI अधिनियम का प्रयोग करके जानकारी एकत्र करने के नाम पर जुटाया। ईडी के अनुसार उन्होंने उक्त काम पर केवल 4000 रुपये खर्च किए और करीब 4 लाख रुपये शराब और खाने पर खर्च किए। साथ ही उन्होंने लगभग 23.54 लाख रुपये विभिन्न अवसरों पर शेयर बाजार में ट्रेडिंग पर गंवा दिए।
हाल ही में साकेत गोखले ने MQ-9B ड्रोन डील पर भी फेक न्यूज फैलाई थी। इस खबर पर पीआईबी फैक्टचेक ने भी साकेत गोखले की पोल खोल दी थी। क्या था यह पूरा मामला, जानिए इस रिपोर्ट में: MQ-9B ड्रोन डील पर TMC नेता साकेत गोखले ने फैलाई फेक न्यूज