बैठकों और नाम बदलने के बहाने विपक्षी राजनीतिक दल NDA के विरुद्ध अपनी एकता दर्शाने का प्रयास कर रहे हैं। इसी एकता को बनाए रखने के लिए हाल-फिलहाल ये सभी दल प्रधानमंत्री के नाम पर चर्चा करने से बच रहे हैं। हालांकि इस बैठक के अगले ही दिन एक टीएमसी सांसद ने प्रधानमंत्री पद के लिए ममता बनर्जी का नाम आगे कर दिया है।
टीएमसी सांसद शताब्दी राय का कहना है, “हम चाहते हैं कि हमारी नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रधानमंत्री पद तक पहुँचे। पर इसके लिए हमारा अगला कदम कुछ हटकर हो सकता है।” शताब्दी का कहना है कि सपने देखना या इच्छा रखने में कोई बुराई नहीं है।
उल्लेखनीय है कि टीएमसी सासंद का बयान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की पीएम पद में कोई दिलचस्पी नहीं है। जुलाई 18, 2023 को बेंगलुरु में हुई बैठक के बाद प्रधानमंत्री पद को लेकर खड़गे ने यह बयान दिया था।
खड़गे का कहना है कि, ‘हम जानते हैं कि हमारे बीच मतभेद हैं पर यह इतने बड़े नहीं है कि उनको किनारे नहीं किया जा सके। आम आदमी के लिए, मंहगाई से जुझते मध्यम वर्ग के लिए, गरीबों के लिए हम मतभेदों को पीछे छोड़ देंगे’।
यह भी पढ़ें- मायावती ने BSP को किया I.N.D.I.A से किनारे: कहा- कॉन्ग्रेस का जातिवादी दलों से है गठबंधन
टीएमसी सासंद द्वारा ममता बनर्जी का नाम आगे करना कांग्रेस के साथ उसके मतभेदों को बढ़ा सकता है। जहां बेंगलुरु में हुई बैठक में लालू यादव ने सोनिया और राहुल गांधी के सामने बिना नाम लिए अधीर रंजन चौधरी की चर्चा की थी। लालू यादव का कहना है कि जब विपक्ष एकता के लिए प्रयासरत है उस समय चौधरी ममता बनर्जी के खिलाफ क्यों हमलावर हैं।
इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी प्रधानमंत्री पद के लिए ममता बनर्जी का नाम आगे किया था। उनका तर्क है कि क्योंकि राज्य चुनावों में टीएमसी ने बीजेपी को हराया था ऐसे में ममता बनर्जी को मोदी का दावेदार होना चाहिए।