संसद की सुरक्षा पर सेंध लगाने के बड़े प्रयास को सुरक्षाबालों द्वारा नाकाम कर दिया गया है। खबर है कि तीन संदिग्ध फर्जी आधार कार्ड के ज़रिए गेट नंबर 3 से संसद भवन में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे जिन्हे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवानों ने मौके पर पकड़ लिया और एक बड़ी शाजिस को अंजाम देने से रोका गया। फ़िलहाल तीनों ही आरोपी पुलिस की हिरासत में हैं और मामले से जुड़ी पूछताछ चल रही है।
खबर को लेकर दिल्ली पुलिस का कहना है कि पूरा मामला चार जून का है। जब तीनों आरोपी पकड़े गए हैं इनकी पहचान कासिम, मोनिस और शोएब के रूप में हुई है और तीनों पर ही धोखाधड़ी से संबंधित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
FIR के अनुसार, कासिम नाम का व्यक्ति उत्तर प्रदेश के अमरोहा के रहने वाले मोनिस के आधार कार्ड का इस्तेमाल कर रहा था। पकड़े गए तीन श्रमिकों में शामिल मोनिस ने भी बिल्कुल वही पहचान पत्र दिखाया। पकड़े गए तीसरे व्यक्ति शोएब के पहचान पत्र पर लिखा है कि वह उत्तर प्रदेश के हापुड़ का निवासी है।
दिल्ली पुलिस द्वारा यह भी कहा गया कि “ये पहली बार नहीं है जब संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश का मामला सामने आया हो। पिछले साल ही सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ा मामला सामने आया था।”
आपको बता दें यह पहली बार नहीं है जब संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने का प्रयास किया गया हो इससे पहले भी कई बार संसद में हमले करने के साजिश रची गई है। यहाँ तक की हमला भी किया गया है।
पिछली बार दिसंबर 2023 में लोकसभा सत्र के दौरान संसद में दो व्यक्तियों के स्प्रे फैलाकर खतरा पैदा करने की कोशिश की थी। इस मामले में छह आरोपियों- मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम, ललित झा और महेश कुमावत को गिरफ्तार किया गया था और अभी एक दिन पहले ही दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर ने उन सभी छह आरोपियों पर यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दिल्ली पुलिस को दे दी है।
ऐसे में अब इस बार देश में लोकसभा चुनाव के समाप्त होते ही नई संसद और सरकार के गठन को लेकर चल रहे प्रयासों के बीच यह खबर चिंता का विषय माना जा रहा है। मामले से जुड़ी पूछताछ और कार्यवाही जारी है।
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