कनाडा में खालिस्तानी आतंकियों ने अब भारतीय राजनयिकों के नाम से धमकी भरे पोस्टर जारी किए हैं। ये पोस्टर खालिस्तान समर्थकों ने कनाडा में 8 जुलाई को होने वाली ‘खालिस्तान फ्रीडम रैली’ नाम की एक प्रॉपगैंडा इवेंट से पहले जारी किए हैं।
भारत ने कनाडा के अधिकारियों से दूतावास में अपने डिप्लोमेट्स की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है। इन पोस्टर में ख़ालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर को ‘शहीद’ लिखा गया है और भारतीय राजदूतों को उसका ‘हत्यारा’ बताया गया है। साथ ही इस पोस्टर में ‘किल इंडिया’ भी लिखा हुआ है। पोस्टर में बताया गया है कि ये रैली कनाडा में ग्रेट पंजाब बिजनेस सेंटर से शुरू होकर भारतीय दूतावास तक जाएगी।
इस पोस्टर में भारत के दो डिप्लोमेट्स, हाई कमिश्नर ऑफ़ इंडिया संजय कुमार वर्मा और कांसुलेट जनरल ऑफ़ इंडिया अपूर्वा श्रीवास्तव की तस्वीर लगाई गई है।
इस पोस्टर को ट्विटर पर शेयर करते हुए पत्रकार टेरी माइलवस्की ने लिखा, “यह बेहद खतरनाक है। खालिस्तानी भारतीय डिप्लोमेट्स को निशाना बनाकर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं, जिसे वो ‘शहीद’ हरदीप निज्जर का ‘हत्यारा’ बता रहे हैं, उसकी 18 जून को किसी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी लेकिन इसमें भारत की किसी भी तरह की भूमिका का कोई सबूत नहीं है।”
कनाडा में खालिस्तानियों ने निकाली इंदिरा गांधी की हत्या की झांकी, देखें वीडियो
हालाँकि, उन्होंने ये भी लिखा है कि जिसने भी पोस्टर बनाया वह वो ये नहीं जानता कि टोरंटो में कोई भारतीय दूतावास नहीं है।
मोदी सरकार ने क्या कहा
खतरे को देखते हुए भारत ने चेतावनी दी है कि अगर कोई देश खालिस्तानियों को जगह देगा तो उसका असर सीधा हमारे रिश्तों पर पड़ेगा। रिपोर्ट की मानें तो एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने कहा है कि भारतीय राजनयिकों और अन्य कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर ग्लोबल अफेयर्स कनाडा, देश के विदेश मंत्रालय, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) को काम सौंपा गया है। इसके अलावा, ओटावा और टोरंटो पुलिस विभागों को अनौपचारिक रूप से सूचित किया गया है।
आपको बता दें कि 18 जून को खालिस्तानी कमांडो फ़ोर्स के मुखिया ख़ालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में एक गुरुद्वारे के निकट दो युवकों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। उसकी उम्र 45 साल थी। निज्जर कनाडा में पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI के साथ भी जुड़ा हुआ था और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल था। निज्जर के समर्थक कह रहे हैं कि इसमें भारत सरकार का हाथ है और इसके लिए ही भारतीय डिप्लोमेट्स को निशाना बनाया जा रहा है।
हरजीत निज्जर सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के लिए गुरपतवंत सिंह पन्नून और परमजीत सिंह पम्मा जैसे आतंकवादियों के साथ काम कर रहा था। सिख फॉर जस्टिस को साल 2019 में भारत के गृह मंत्रालय ने प्रतिबंधित भी कर दिया था।