तालिबान शासन अफ़ग़ानिस्तान में भिखारियों के अच्छे भविष्य के लिए व्यवस्थित ढंग से कार्य करने का प्रयास कर रहा है। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबान शासन भिखारियों को इकट्ठा कर, जांच के बाद योग्य भिखारियों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है।
अफगानिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और आर्थिक मामलों के प्रमुख हाजी मुल्ला अब्दुल गनी बरादर अखुंद की अध्यक्षता में बनी ‘भिखारी संग्रह समिति’ (Beggar Collection Committee) के अन्तर्गत योग्य भिखारियों के जीवनयापन के लिए उचित व्यवस्था का प्रबन्ध करवाया जा रहा है।
अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात द्वारा योग्य भिखारियों को नकद अफगानी (करेंसी) देकर सहायता की जाती है। हालाँकि, जो पेशेवर भिखारी होते हैं, उन्हें शासन कोई सहायता प्रदान नहीं करता है
योग्य भिखारी वे होते हैं, जो आर्थिक तंगी, गरीबी, या अनाथ होने के कारण भिखारी बन गए हैं। जिनका यह पेशा नहीं है। ऐसे योग्य भिखारियों को आर्थिक सहायता देने के लिए तालिबान शासन और अफगान रेड क्रिसेंट सोसाइटी (ARCS) मिलकर काम करती है। इस भिखारी संग्रह समिति के गठन के बाद अब तक सैकड़ों लोग लाभान्वित भी हो चुके हैं
इकट्ठा किए गए भिखारियों का लेखा-जोखा
- हाजी मुल्ला अब्दुल गनी बरादर अखुंद के नेतृत्व में बनी ‘भिखारी संग्रह समिति’ ने 24 सितम्बर, 2022 तक काबुल शहर के विभिन्न क्षेत्रों से 8,444 भिखारियों को इकट्ठा किया है।
- इकट्ठा किए गए इन भिखारियों में से 5,779 महिला भिखारी हैं, जबकि 718 पुरुष भिखारी हैं।
- भिखारियों की छानबीन करने के बाद 1,750 महिला भिखारियों को समिति ने योग्य पाया है, जबकि अन्य 4,029 महिला पेशेवर भिखारी हैं।
- पुरुष भिखारियों की बात करें तो 236 योग्य भिखारी पाए गए जबकि 482 पेशेवर भिखारी हैं।
- इकट्ठा किए गए कुल भिखारियों में 1,947 बच्चे हैं, जिनमें से 1,079 योग्य भिखारी की श्रेणी में रखे गए हैं और 827 बच्चे पेशेवर भिखारी हैं।
- योग्य भिखारी बच्चों में 41 बच्चे ऐसे भी हैं, जो अनाथ हैं। बायोमेट्रिक जांच के बाद इन अनाथ भिखारी बच्चों को श्रम और सामाजिक मामलों के मंत्रालय द्वारा देखभाल और प्रशिक्षण केन्द्र में भर्ती कराया जाना है।
- वहाँ इन अनाथ बच्चों को आजीविका के साथ-साथ शिक्षा प्रदान करने का दावा भी किया गया है।
क्या है भिखारी संग्रह समिति (BCC)
इस्लामी अमीरात अफगानिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और आर्थिक मामलों के प्रमुख हाजी मुल्ला अब्दुल गनी बरादर अखुंद ने 12 अगस्त 2022 को ‘भिखारी संग्रह समिति’ का गठन किया था। समिति के गठन पर अब्दुल गनी ने कहा था, “हम बेसहारा व्यक्तियों और भिखारियों को इकट्ठा करने के बाद उनकी क्षमताओं के आधार पर उन्हें नौकरी देंगे”
अफ़ग़ान समाचार पोर्टल टोलो के अनुसार, भिखारी संग्रह समिति का उद्देश्य अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में भिखारियों को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार देना और आर्थिक रूप से मदद करना है। इस समिति के अन्तर्गत भिखारियों को इकट्ठा किया जाता है, उनकी पहचान की जाती है और उन्हें नौकरी का अवसर देने के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी सहायता की जाती है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इकट्ठे किए गए इन भिखारियों से प्रतिज्ञा भी करवाई जाती है कि वे भविष्य में कभी भी भीख नहीं मांगेंगे। इतना ही नहीं तालिबान शासन छोटी उम्र के बच्चे, जो गरीबी के कारण भिखारी बन गए हैं, उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित करेंगे।
भिखारियों की मदद करता एआरसीएस
काबुल में भिखारियों और जरूरतमंद परिवारों की सहायता के लिए अफगान रेड क्रिसेंट सोसायटी (एआरसीएस) समय-समय पर आर्थिक मदद देती रहती है। हाल ही में बीते 19 सितम्बर 2022 को भी एआरसीएस ने काबुल के मारस्तून इलाके में 20 परिवारों के 136 सदस्यों को नकद सहायता दी। एआरसीएस के अनुसार, परिवार के प्रत्येक सदस्य को नकद 2,000 अफगानी दिया गया।
बीसीसी कितना कारगर है
अफगानिस्तान लम्बे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहा है। सूखे से लेकर कोविड-19 महामारी तक और फिर राजनीतिक संकट के कारण अफगानिस्तान की आर्थिकी ध्वस्त हो गई है।
अफगानिस्तान विदेशी धन संग्रह, सार्वजनिक वित्त, बैंकिंग प्रणाली का पतन हो चुका है। व्यापार की दृष्टि से विकास के सारे कार्य ठप पड़ चुके हैं। अन्तरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा उचित वित्तीय सहायता नहीं मिल रही है। ऐसे में अफगानिस्तान आर्थिक रूप से बरबादी की कगार पर है।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की हालिया रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान सार्वभौमिक गरीबी के कगार पर है। यूएनडीपी ने 9 सितम्बर 2021 को एक रिपोर्ट जारी कर कहा था कि जब तक अफगानिस्तान के राजनीतिक और आर्थिक संकट के निपटारे के लिए तत्काल कोई कार्य शुरू नहीं किया जाता है, तब तक 97% आबादी का गरीबी रेखा से नीचे जाने का खतरा मंडरा रहा है।
यह समिति अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के कुछ गिने-चुने इलाकों में कार्य कर रही है। इस समिति को अन्तरराष्ट्रीय संस्थाओं का साथ नहीं मिल रहा है और अफगानिस्तान की आर्थिक स्थिति अब तक के सबसे खराब दौर में है। ऐसे में भिखारियों की मदद के लिए बनी ‘भिखारी संग्रह समिति’ के सफल होने की उम्मीद बहुत कम नजर आ रही है।
अफगानिस्तान में इस समिति के खिलाफ नागरिकों में रोष भी पैदा हो रहा है। यहाँ गरीबी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। अफगानी नागरिकों का कहना है कि इस्लामी अमीरात को न केवल भिखारियों को बल्कि सभी नागरिकों को नौकरी देनी चाहिए।