रविवार को हुए भागलपुर पुल हादसे के बाद बिहार की राजनीति में आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस बयानबाजी में बिहार के वन मंत्री तेज प्रताप यादव की एंट्री हो गयी है।
भागलपुर पुल हादसे के बाद से ही बिहार के विपक्षी दल नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने नैतिक जिम्मेदारी का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का इस्तीफा माँगा है।
भाजपा की इस मांग पर बिहार के वन मंत्री तेज प्रताप से जब सवाल पूछा गया तो वह इस पर बिफर गए। उन्होंने कहा कि हम लोग तो पुल बना रहे हैं लेकिन बीजेपी वाले पुल गिरा रहे है। उन्होंने कहा कि बीजेपी वाले ही पुल गिराते हैं।
दूसरी ओर इस पुल हादसे को लेकर जदयू के भीतर भी खींचतान शुरू हो चुकी है। दरअसल, सीएम नीतीश कुमार ने हादसे की जांच अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को सौंप दी है। जिस पर जेडीयू के वरिष्ठ नेता और परबत्ता से विधायक डॉ संजीव कुमार ने प्रश्न चिन्ह लगाए हैं।
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दी सफाई
इससे पूर्व, तेजस्वी यादव के अनुसार बिहार सरकार ने यह निर्णय लिया था कि इस पुल को पूरी तरह से तुड़वा कर दोबारा बनाया जाएगा।
तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि “30 अप्रैल, 2022 को आंधी आने के कारण से Super Structure का जो सेगमेंट था वो गिरा था और आप सब लोगों को पता होगा उस समय हम विपक्ष के नेता थे और हमने इस पर सवाल उठाए थे।” हमनें निर्माण मामलों में आईआईटी-रुड़की की एक टीम से इस पर एक अध्ययन करने के लिए कहा था और इसकी अंतिम रिपोर्ट आनी बाकी है।
क्या है पूरा घटनाक्रम
ज्ञात हो कि रविवार (4 जून, 2023) शाम 06:15 बजे बिहार के भागलपुर में उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ने के लिए बनाया जा रहा एक चार लेन का पुल टूटकर नदी में समा गया था। नीतीश कुमार सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत अगुवानी-सुल्तानगंज के बीच 1,710.77 करोड़ रुपए की लागत से यह पुल बन रहा था।
इससे पहले भी पिछले वर्ष इस निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा गिरकर ध्वस्त हो गया था। दरसअल, 30 अप्रैल, 2022 को पिलर नम्बर चार, पांच और छ: को केबल एक्सटेंशन से जोड़ने वाला 108 मीटर लंबा सेगमेंट यानी सुपर स्ट्रक्चर गिरकर ध्वस्त हो गया था। उस समय इस घटना के पीछे आंधी-तूफ़ान को कारण बताया गया था। उस समय बताया गया कि उस रात आई आंधी में केबल एक्सटेंशन ठीक से कसा नहीं होने के कारण पुल गिर गया था।
आपको जानकार हैरानी होगी कि सुल्तानगंज-अगुवानी पुल के निर्माण कार्य को शुरू हुए 8 वर्ष बीत चुके हैं। इस पुल के तैयार होने का निर्धारित समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2019 बताया था। इसके बाद यह डेडलाइन कुल 8 बार बढ़ाई गई। अंत में इसे 31 दिसंबर, 2023 कर दिया गया था।