अफ़ग़ानिस्तान में तालिबानी शासन के बीच वहाँ पर महिलाओं की ज़िंदगी बदतर हो चुकी है। ऐसे ही एक ताजा फ़ैसले में 4 जुलाई को, तालिबान के नैतिकता मंत्रालय ने एक महीने के भीतर अफ़ग़ानिस्तान के सारे ब्यूटी पार्लर बंद करने के आदेश जारी किए हैं।
अगर कंट्री मीटर्स वेबसाइट के आंकड़ों को देखे तो उसके अनुसार अफ़ग़ानिस्तान में महिला जनसंख्या 20,310,735 है। अगस्त, 2021 में अमेरिकी सेना के अफ़ग़ानिस्तान को छोड़ने के बाद वहाँ पर तालिबान की सत्ता का नियंत्रण स्थापित हो गया जिसके बाद महिलाओं पर इस्लामी शरिया क़ानून के मुताबिक़ कई पाबंदियां लगा दी गईं। संयुक्त राष्ट्र सहित कई देशों ने अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं पर लगाए जाने वाले प्रतिबंधों की निंदा की है।
तालिबान के ‘वर्च्यू एंड वाइस मिनिस्ट्री’ के प्रवक्ता मोहम्मद सदेक़ अकिफ मुजाहिर ने प्रतिबंध पर सोशल मीडिया पर दिख रहे पत्र की बातों की पुष्टि की है। इसके अलावा, मंत्रालय ने 24 जून को एक पत्र साझा करते हुए यह सूचित किया था कि यह प्रतिबंध राजधानी काबुल और सभी प्रांतों में लागू रहेगा। यह निर्देश महिलाओं से जुड़े प्रसाधनों को सबसे अधिक प्रभावित करेगा।
देखते हैं कि अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान शासन द्वारा महिलाओं पर और किस प्रकार की पाबंदियाँ लगाई गई हैं-
- हाल ही में तालिबान ने संयुक्त राष्ट्र की महिला कर्मचारियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया था, जिस पर UN द्वारा आपत्ति भी जताई गई।
- महिलाओं को केवल घर के ही पुरुष रिश्तेदार के साथ बाहर निकलने की अनुमति है, वे बिना किसी ‘वैध कारण’ के अपना घर नहीं छोड़ सकतीं।
- महिलाओं को सिर्फ़ पूरे शरीर को ढकने वाला बुर्का पहनने की इजाज़त है।
- महिला शिक्षकों और 8 वर्ष से अधिक उम्र की महिला छात्रों को स्कूलों में अनुमति नहीं है।
- महिलाओं को सरकारी पदों सहित अधिकांश व्यवसायों में काम करने से प्रतिबंधित किया गया है।
- महिला रोगियों को केवल महिला डॉक्टरों द्वारा इलाज करने की अनुमति है।
- लड़कियों को स्कूल, जिम, पार्क और स्विमिंग पूल में जाने पर प्रतिबंध है।
- तालिबान ने संगीत, सिनेमा और टेलीविजन जैसे मनोरंजन के साधनों को गैर-इस्लामिक मानते हुए उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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