सोशल मीडिया में भ्रामक हेडलाइंस के साथ एक खबर चलाई जा रही है कि चंद्रयान बनाने वाले इंजीनियर्स को 17 महीने से सैलरी नहीं मिली है, और इसका जिम्मेदार बताया जा रहा है ISRO को।
कॉन्ग्रेस ने अपना पुराना दरबारी रवैया दिखाते हुए इस कार्यक्रम की सफलता का श्रेय ISRO के वैज्ञानिकों के बजाय नेहरु-इंदिरा-राजीव गांधी को देना चालू कर दिया।