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मैगजीन ‘द अटलांटिक’, काश पटेल के बारे में लिखती है कि “The Man Who Will Do Anything for Trump यानी ट्रम्प के लिए कुछ भी करने वाला शख्स”।
द न्यूयॉर्कर का, 24 जनवरी 2024 को इस अमेरिकी समाचार पत्र ने एक लेख लिखा है जिसका शीर्षक है ‘हाउ द हिंदू राइट ट्राइंफ्ड इन इंडिया’ How the Hindu Right Triumphed in India इसका हिन्दी अर्थ है कि भारत में दक्षिणपंथ कैसे जीत रहा है।
उन्हें बताएँ कि कैसे रहे होंगे वे राम जिन्होंने धर्म के लिए पिता की बात तक नहीं मानी, जिन्होंने जंगल का कठिन तप चुना, विरह-वेदना को चुना, रीछ-वानरों की मित्रता की, परम बलशाली होने के बावजूद ऐन मौक़े पर नल-नील की मादद को सर्वश्रेष्ठ माना।
सैम पित्रोदा ने अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान भगवान राम और अन्य हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की।
‘मंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएँगे’ नारा भाजपा पर तंज़ से अधिक सेक्युलर दलों के लिए संजीवनी भी था। अब मंदिर बन रहा है। तारीख भी इतिहास में दर्ज़ हो गई है।