शुक्रवार (14 जुलाई, 2023) को स्वीडन के राष्ट्रीय रेडियो प्रसारक की एक रिपोर्ट के अनुसार स्वीडिश अधिकारियों ने स्टॉकहोम में इजरायली दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन में तौरात और बाइबिल को जलाने की मंजूरी दे दी है। तौरात यहूदी धर्म की मूल अवधारणाओं की शिक्षा देने वाला का धार्मिक ग्रन्थ है।
रिपोर्ट्स के अनुसार जिस व्यक्ति ने इस सार्वजनिक सभा को आयोजित करने की अनुमति के लिए आवेदन किया था, उसे आवश्यक मंजूरी दे दी गई है। इस घटनाक्रम के जवाब में यूरोपीय यहूदी कांग्रेस (ईजेसी) ने शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की, जिसमें उन्होंने स्वीडिश अधिकारियों द्वारा किए गए निर्णय की कड़ी निंदा की।
सीएनएन से अपनी बातचीत में ईजेसी के अध्यक्ष एरियल मुजिकेंट ने कहा, “भड़काऊ, नस्लवादी, यहूदी विरोधी और घृणित कृत्यों का किसी भी सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं है।”
मुज़िकेंट ने आगे इस बात पर ज़ोर दिया कि ऐसे कृत्य धार्मिक और सांस्कृतिक संवेदनाओं को आहत करते हैं। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में भ्रामक तर्कों पर आधारित ये कृत्य स्वीडन के लिए अपमानजनक हैं और किसी भी लोकतांत्रिक सरकार को इन्हें रोकना चाहिए।
इज़रायली राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग ने भी स्वीडिश अधिकारियों द्वारा लिए गए निर्णय की निंदा की। हर्ज़ोग ने ट्वीट किया,
“मैं स्वीडन में पवित्र पुस्तकों को जलाने की दी गई अनुमति की स्पष्ट रूप से निंदा करता हूं। इज़राइल के राष्ट्रपति के रूप में मैंने दुनिया भर में मुसलमानों के लिए पवित्र कुरान को जलाने की निंदा की और अब मैं इस बात से दुखी हूं कि यहूदी बाइबिल, यहूदी लोगों की शाश्वत पुस्तक का भी यही हश्र हो रहा है।”
जून के अंत में एक व्यक्ति ने स्वीडिश राजधानी में एक मस्जिद के बाहर कुरान की एक प्रति जला दी जिसके परिणामस्वरूप बगदाद में स्वीडिश दूतावास पर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ। उस समय स्वीडिश पुलिस ने कहा कि प्रदर्शन की अनुमति देने का निर्णय अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर आधारित था।
पिछले महीने सीएनएन द्वारा प्राप्त स्वीडन के पुलिस परमिट ने संकेत दिया था कि कुरान जलाने से आतंकवादी हमले का खतरा बढ़ जाता है और इसके राजनयिक निहितार्थ भी हो सकते हैं।
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान में ईसाई और चर्चों पर हमले का ऐलान, स्वीडन में कुरान जलाने से आतंकी संगठन में आक्रोश