सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान ‘सारे मोदी चोर होते हैं’ पर मानहानि मामले में उनको मिली 2 वर्ष की सजा पर रोक लगा दी है। राहुल गांधी द्वारा दिए गए इस बयान पर गुजरात के भाजपा विधायक पूर्नेश मोदी ने मानहानि का मामला दायर किया था।
इस मामले में राहुल को सूरत के कोर्ट से 2 वर्ष की सजा सुनाई गई थी, कॉन्ग्रेस ने इस फैसले के विरुद्ध पहले जिला कोर्ट फिर हाई कोर्ट में अपील की थी जहाँ उन्हें कोई राहत नहीं मिली थी। इसके पश्चात मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाया गया था जिसमें अब फैसला आया है।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति गवई कर रहे थे। मामले पर सुनवाई के दौरान राहुल के लिए अभिषेक मनु सिंघवी और दूसरे पक्ष के लिए महेश जेठमलानी पेश हुए। इस दौरान महेश जेठमलानी ने कई ऐसे उदाहरण दिखाए जब राहुल गांधी को गलत भाषणों के कारण नोटिस भेजा गया था।
न्यायमूर्ति गवई ने इस दौरान कहा कि इस मामले में मानहानि के अपराध के तहत 2 वर्ष की सजा क्यों दी गई जो कि इस अपराध के अंतर्गत दी जाने वाली सबसे लम्बी सजा है। आगे गवई ने कहा कि यदि उन्हें 1 वर्ष 11 महीने की सजा दी जाती तो उनकी संसद सदस्यता बच जाती।
न्यायमूर्ति गवई ने अपना निर्णय सुनाते हुए कहा, “इस कारण को ध्यान में रखते हुए कि निचले स्तर की अदालतों ने 2 वर्ष की सजा सुनाते हुए कारण नहीं बताए गए हैं, ऐसे में इस सजा को आखिरी फैसला आने तक रोका जाता है।“
राहुल के पक्ष से इस दौरान यह भी कहा गया था कि उन्होंने माफ़ी मांग ली थी लेकिन महेश जेठमलानी ने कहा कि माफ़ी किसी का अपराध खत्म नहीं कर देती। गौरतलब है कि इस मामले में मार्च में निर्णय आने के पश्चात राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म कर दी गई थी। अब कई लोगों ने यह कयास लगाए हैं कि क्या उनकी सदस्यता वापस लाई जाएगी।
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