सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार (2 मार्च, 2023) के दिन अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच के लिए एक 6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी मामले के पीछे के कारणों की जांच करेगी। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी को आदेश दिया है कि वह इसके अतिरिक्त नियामक सम्बन्धी संभावित विफलताओं की जांच करेगी और निवेशकों में जागरूकता और विश्वास बढ़ाने के साथ-साथ नियामक तंत्र को मजबूत करने को लेकर सुझाव भी देगी। कमेटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एएम सप्रे करेंगे।
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कमेटी के अन्य सदस्यों में आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व चेयरमैन के वी कामथ, इंफोसिस के संस्थापक डायरेक्टर नंदन निलेकणी, एडवोकेट सोमशेखर सुंदरेशन, बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस जे पी देवधर और भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व चेयरमैन ओपी भट्ट हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी को दिए गए आदेशों के अतिरिक्त SEBI को आदेश दिया है कि वह अगले दो महीने में अपनी पहले से जारी जाँच की एक स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करे।
कमेटी के सदस्य और इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन निलेकणी पूर्व में कॉन्ग्रेस के सदस्य रह चुके हैं और कांग्रेस के टिकट पर बेंगलुरु से चुनाव भी लड़ चुके हैं, वह भाजपा के अनंत हेगड़े से हार गए थे।
मुंबई हाईकोर्ट के लिए कॉलेजियम द्वारा रिकमेंड किए गए वकील सोमशेखर सुंदरेशन को लेकर वर्तमान केंद्र सरकार पूर्व में कुछ टिप्पणी कर चुकी है।
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उनकी नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार ने कोलेजियम से कहा था कि उनका दृष्टिकोण सरकार के विरुद्ध पक्षपात भरा रहा है। सरकार की इस टिप्पणी के जवाब में मुख्य न्यायाधीश डिवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने जनवरी में एक सार्वजनिक रिपोर्ट में कहा था कि किसी के द्वारा सोशल मीडिया पर की गई आलोचना उसके पक्षपात का आधार नहीं मानी जा सकती।
उधर अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा कमेटी गठन का स्वागत किया है।
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