बीते दो माह से जनजातीय संघर्ष में घिरे पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में कॉन्ग्रेस नेता राहुल गांधी के दौरे से पहले एक प्रमुख छात्र संगठन ने मणिपुर की समस्याओं के लिए पूर्व की कॉन्ग्रेस सरकार के 2012 के फैसले को जिम्मेदार ठहराया है। कॉन्ग्रेस ने ऐलान किया था कि राहुल गांधी 29-30 जून को मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर जाएंगे।
राहुल गांधी के दौरे से पहले आल मणिपुर स्टूडेंट यूनियन के महासचिव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कॉन्ग्रेस पर निशाना साधा है। छात्र संगठन के महासचिव ने कहा है “मणिपुर में आज की स्थिति में बड़ा योगदान वर्ष 201२ में तत्कालीन कॉन्ग्रेस सरकार द्वारा लिए गए फैसले का है जिसमें इम्फाल पूर्व जिले की 4 ग्राम पंचायतों और एक जिला परिषद को खत्म करके कान्ग्पोक्पी जिले की स्वायत्त जिला परिषद् को दिया गया था। इस फैसले से मणिपुर में कूकीलैंड राष्ट्र की मांग करने वालों को बल मिला।
छात्र संगठन के महासचिव ने कहा कि हमारी जानकारी में आया है कि कॉन्ग्रेस नेता राहुल गांधी मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं। हम उनके दौरे से पहले उनसे यह प्रश्न पूछना चाहते हैं कि कॉन्ग्रेस सरकार ने यह पंचायतें मणिपुर के पंचायती राज से क्यों हटा दी थीं? महासचिव ने कहा कि उन्हें कॉन्ग्रेस का नेता होने के नाते इसका जवाब देना चाहिए। छात्र संगठन ने यह भी कहा कि यदि उनके प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया जाता तो वह कॉन्ग्रेस नेताओं की यात्रा का बहिष्कार करेंगे।
छात्र संगठन ने मणिपुर के लोगों और महत्वपूर्ण संगठनों से यह अपील भी की कि राज्य में शान्ति बनाए रखें और लोगों में दरारें ना पड़ने दें। गौरतलब है कि 27 मार्च को मणिपुर हाई कोर्ट द्वारा दिए गए एक निर्देश के बाद राज्य के कूकी और मैती समुदाय के बीच झड़पें चालू हो गईं थी। तब से राज्य में अभी तक अशांति का माहौल है।
गृह मंत्री ने बीते दिनों राज्य का दौरा करके शांति की अपील की थी और सभी स्थितियों को सामान्य करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने की भी बात कही थी। गृह मंत्री ने लोगों से हथियार डालने की भी अपील की थी। वर्तमान में केंद्र सरकार राज्य में सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चलाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
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