पूरे विश्व में मंदी की संभावनाओं के बीच भारत के सेवा क्षेत्र ने अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है। standards and poor’s global PMI रेटिंग के अनुसार, भारत के सेवा क्षेत्र में तेजी 2010 के बाद अब देखी गई है। PMI की यह रिपोर्ट भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी की द्योतक है।
standards and poor’s की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल माह में सेवा क्षेत्र का पर्चेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स 62 के स्तर पर है, मार्च माह में यह 57.8 पर था। सेवा और निर्माण क्षेत्र में गतिविधि का हालचाल बताने वाले पर्चेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स का सामान्य सूचकांक 50 होता है, इसके ऊपर का सूचकांक बताता है कि किसी देश कि अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों में क्या स्थिति है।
यह भी पढ़ें: ढाई साल के सबसे निचले स्तर पहुंची थोक महंगाई
S&P के अनुसार, 62 का PMI स्तर जून 2010 के बाद सर्वोच्च है। इस तेज बढ़त के पीछे नए बड़े आर्डर में तेज बढ़त है। रिपोर्ट के अनुसार, सेवा क्षेत्र के महत्वपूर्ण अंग बीमा और वित्तीय सेवाओं में तेजी के कारण भारत के सेवा क्षेत्र में यह बढ़त देखी गई है।
पर्चेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स को 400 बड़ी कम्पनियों के पर्चेसिंग मैनेजर्स को भेजे गए एक सर्वे के आधार पर बनाया जाता है। इसमें लागत, नए आर्डर और मांग संबंधित प्रश्न होते हैं। इस सर्वे को एकीकृत करके पता चलता है कि देश के उद्योग धंधों में क्या स्थिति है।
सेवा क्षेत्र में तेजी के पहले S&P ने निर्माण क्षेत्र का भी आँकड़ा सामने रखा था, निर्माण क्षेत्र भी अप्रैल माह में 57.2 के स्तर पर था, यह मार्च के दौरान 56.4 पर था। भारत की अर्थव्यवस्था में लगभग 65% हिस्सा सेवा क्षेत्र और 17% निर्माण क्षेत्र का है। ऐसे में दोनों क्षेत्रों में तेजी अर्थव्यवस्था की मजबूती का सबूत है।
इसके साथ ही दोनों आँकड़ों के कंपोजिट इंडेक्स यानी दोनों क्षेत्रों की तेजी का आँकड़ा सामने आ गया है। स्टैंडर्ड्स एंड पुअर्स के अनुसार, यह 61.6 पर है जो कि जुलाई 2010 के बाद से सर्वाधिक है। इससे पहले मार्च माह में यह 58.4 के स्तर पर था। विश्व भर में मांग घटने और महंगाई के बाद PMI का यह स्तर भारत की अर्थव्यवस्था के लिए काफी अच्छा है।
यह भी पढ़ें: वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के बावजूद भारतीय उद्योग का PMI रिकॉर्ड स्तर पर: रिपोर्ट