पीएम गति शक्ति (NPG) नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप ने 6 सड़क और रेलवे परियोजनाओं के लिए 14,081 करोड़ रुपये की मंजूरी दी। इसमें विभिन्न राज्यों में 5,374 करोड़ रुपये की तीन रेलवे परियोजनाएं और 8,706 करोड़ रुपये की 3 सड़क परियोजनाएं शामिल हैं।
इंफ्रास्ट्रक्चर की पहल की समन्वित योजना और कार्यान्वयन को बढ़ावा देने के लिए पीएम गति शक्ति को 2021 में लॉन्च किया गया था। इसका लक्ष्य परियोजनाओं की एकीकृत योजना और कार्यान्वयन के लिए अलग–अलग मंत्रालयों/विभागों को एक साथ लाना है। यह एकीकृत योजना और परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए 16 मंत्रालयों को एक साथ लाने के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली आधारित मल्टीमॉडल प्लेटफॉर्म का उपयोग करता है। इसकी एनपीजी संस्था गति शक्ति मास्टर प्लान के अनुसार मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए परियोजनाओं की समीक्षा करती है। अब तक 11 लाख करोड़ रुपये की कुल 106 परियोजनाओं की समीक्षा की जा चुकी है।
कुल 5,374 करोड़ रुपये की 3 रेलवे परियोजनाएं मंजूर की गई हैं। इनमें पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड और गुजरात में नई ग्रीनफील्ड लाइनें शामिल हैं जिनकी सहायता से यात्रा का समय और भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही कुल 8,706 करोड़ रुपये की 3 सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दी गई जिसमें मेघालय में धुबरी पुल से भारत-बांग्लादेश व्यापार में सुधार, खड़गपुर-सिलीगुड़ी कॉरिडोर से पश्चिम बंगाल में दूरी 112 किमी कम होना और झारखंड में देवघर बाईपास से शहर में भीड़भाड़ कम होना शामिल है।
इन दोनों परियोजनाओं का एनपीजी द्वारा मूल्यांकन किया गया है। ये परियोजनाएँ कई राज्यों में फैली हुई हैं और इनका लक्ष्य परिवहन के बुनियादी ढांचे में सुधार करके स्टील, सीमेंट, बिजली जैसे उद्योगों को बढ़ावा देना है। इन परियोजनाओं से उद्योगों, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, यात्री परिवहन, कृषि उत्पादों और जिलों के विकास को लाभ होगा।
स्वीकृत सड़क परियोजनाओं में अलग–अलग राज्यों में राजमार्ग निर्माण के लिए 8,706 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है। अब तक, एनपीजी ने पीएम गति शक्ति के तहत कुल 11 लाख करोड़ रुपये की 106 परियोजनाओं का मूल्यांकन किया है। 500 करोड़ रुपये से ऊपर की सभी परियोजनाओं को गति शक्ति लक्ष्यों के साथ संरेखण सुनिश्चित करने के लिए एनपीजी अनुमोदन की आवश्यकता होती है।
वित्त वर्ष 2022 में पिछले वर्ष के 57 के मुकाबले 427 सर्वेक्षण पूरे किए। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग की विशेष सचिव (लॉजिस्टिक्स) सुमिता डावरा ने कहा कि गति शक्ति पोर्टल ने राजमार्गों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में लगने वाले समय को छह महीने से घटाकर 15 दिन कर दिया है।
इस मंजूरी से पीएम गति शक्ति के तहत समन्वित बुनियादी ढांचे के विकास के उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इस पहल ने अपने मल्टीमॉडल दृष्टिकोण और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से परियोजना मंजूरी में तेजी लाई गई है। एकीकृत अवसंरचना योजना के परिणामस्वरूप निर्णय लेना सरल, तेज और अधिक प्रभावी हो गया है। इससे भारत के बुनियादी ढांचे के विकास को समकालिक तरीके से बढ़ावा मिलेगा।
भारतीय संस्कृति वैश्विक अर्थव्यवस्था का केंद्र बिंदु बनने की ओर अग्रसर