अयोध्या में जहाँ श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र का विकास हो रहा है, वहीं बिहार के सीतामढ़ी में माता सीता की 251 फीट ऊँची प्रतिमा लगाई जाएगी। इस प्रतिमा के साथ-साथ सीतामढ़ी में अन्य विकास कार्य भी किए जाएंगे।
सीतामढ़ी माता सीता की जन्मस्थली है। इस क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन नगरी के तौर पर विकसित करने की योजना है। इसका जिम्मा धार्मिक संस्था रामायण रिसर्च काउंसिल ने उठाया है। रामायण रिसर्च काउंसिल के अनुसार, इस क्षेत्र में 251 फीट ऊँची प्रतिमा के चारों तरफ भी माता सीता की 108 अन्य प्रतिमाएँ लगाई जाएँगी।
दैनिक समाचार पत्र जागरण में छपी एक खबर के अनुसार, राघोपुर नाम की पंचायत में यह निर्माण कार्य होंगें। इस कार्यक्रम में भूमिपूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आने की सम्भावना जताई जा रही है।
इस विकास कार्य के लिए लगभग 25 एकड़ जमीन का एग्रीमेंट रामायण रिसर्च काउंसिल ने किया है। काउंसिल को इस जमीन का एक बड़ा हिस्सा दान में मिला है।
इसके अलावा, बिहार सरकार से भी आग्रह किया गया है कि जमीन के हस्तांतरण में लगने वाले स्टाम्प शुल्क को माफ़ किया जाए। भगवती सीता तीर्थ क्षेत्र समिति के अध्यक्ष और स्थानीय सांसद सुनील कुमार पिंटू ने इस विकास कार्य को महिला सशक्तिकरण की ओर बढ़ता एक और कदम बताया है।
रामायण रिसर्च काउंसिल की वेबसाइट के अनुसार, इस तीर्थ क्षेत्र को नौका विहार की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
इसी के साथ ही माता सीता के जीवन पर आधारित एक डिजिटल म्यूजियम बनाने की भी योजना है। इन सभी विकास योजनाओं से क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।