बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने जातीय संसद (बांग्लादेश की संसद) से अमेरिका को लताड़ लगाई है। शेख हसीना ने अमेरिका द्वारा मानवाधिकारों और लोकतंत्र पर की गई बयानबाजी को लेकर उसे आड़े हाथों लिया है। बीते दिनों में यह पहला मौका है जब किसी दक्षिण एशियाई देश के मुखिया ने अमेरिका को इस तरह निशाने पर लिया है।
शेख हसीना का यह बयान तब आया है जब बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल मोमेन अमेरिका की यात्रा पर गए हुए हैं और अमेरिका के विदेश मंत्री से द्विपक्षीय वार्ता कर रहे हैं।
सामान्यत: शेख हसीना की सरकार के रिश्ते भारत, चीन और अमेरिका आदि से अच्छे ही रहे हैं परन्तु अब यह बयान कुछ और कहानी बयाँ कर रहा है।
क्या कहा शेख हसीना ने?
शेख हसीना ने संसद के अंदर अमेरिका, विपक्षी नेताओं और बांग्लादेश के एक जाने माने दैनिक अखबार ‘प्रोथोम आलो’ पर एक-एक करके निशाना साधा। शेख हसीना ने कहा कि अमेरिका विश्व की किसी भी सरकार का तख्तापलट कर सकता है। हसीना ने अमेरिका द्वारा एशिया और अफ्रीका के देशों में लोकतंत्र के विषय में उठाए जा रहे सवालों पर अमेरिका को घेरते हुए कहा कि अमेरिका की लोकतंत्र की परिभाषा प्रशांत महासागर पार करते ही क्यों बदल जाती है?
बांग्लादेशी समाचार पोर्टल स्टार डेली के अनुसार, हसीना ने बांग्लादेशी विपक्षी दलों द्वारा अमेरिका की इस बयानबाजी के समर्थन करने पर भी प्रहार किया। हसीना ने कहा कि अमेरिका हमें लोकतंत्र पर लेक्चर देता है, उनके अपने देश की स्थिति क्या है? उन्होंने कहा कि अमेरिका दुनिया की कोई भी सरकार गिरा सकता है और मुस्लिम देश समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना ने अमेरिका द्वारा अन्य देशों के मामलों में दिए गए बयानों पर कहा, “वे किसी भी देश की सत्ता को पलट सकते हैं, ख़ासकर मुस्लिम देशों की। जब तक उनका इस्लामी देशों पर नियंत्रण था, तब तक सब ठीक था। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पूरी दुनिया आर्थिक मंदी की चपेट में है और यही वास्तविकता है।”
शेख हसीना, राशेद चौधरी की बात कर रही थीं, चौधरी बांग्लादेश की सेना में अफसर था और उस समूह का हिस्सा था जिसने वर्ष 1975 में बांग्लादेश के निर्माता और हसीना के पिता मुजीबुर्रहमान के घर में घुस कर उनकी और इनके परिवार के कई सदस्यों की हत्या कर दी थी।
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सेना के इन अधिकारियों ने इस हत्या के जरिए बांग्लादेश में सैन्य शासन लगा दिया था। राशेद को अमेरिका में शरण मिली हुई है जबकि बांग्लादेश में मौत की सजा सुनाई जा चुकी है। बांग्लादेश लगातार अमेरिका से उसके प्रत्यर्पण की मांग करता आया है। हसीना ने बांग्ला अखबार ‘प्रोथोम आलो’ को उनकी पार्टी बांग्लादेशी आवामी लीग, लोकतंत्र और बांग्लादेश के लोगों का दुश्मन बताया।
उन्होंने प्रोथोम आलो पर एक 10 वर्षीय बच्चे को 10 हजार टका देकर उससे अपनी मर्जी की बात बुलवाने के आरोप लगाए। शेख हसीना ने बांग्लादेश की ग्रामीण बैंक के संस्थापक मोहम्मद युनुस पर भी निशाना साधा। हसीना ने यूनुस पर बांग्लादेश में लोकतंत्र खत्म करने के आरोप लगाए।
अमेरिका से क्यों गुस्सा हैं हसीना?
शेख हसीना के अमेरिका पर बयान देने की एक से अधिक वजह हैं। वर्तमान में इस नाराज़गी की वजह यह बताई जा रही है कि अमेरिका की पूर्व विदेश सचिव हिलेरी क्लिंटन समेत विश्व की अन्य कई प्रमुख हस्तियों ने पिछले माह एक खुला पत्र हसीना को लिखा था। इस पत्र में बांग्लादेश की ग्रामीण बैंक के संस्थापक मोहम्मद युनुस पर राजनीतिक बयानबाजी रोकने की बात की गई थी।
शेख हसीना का कहना है कि अमेरिका बांग्लादेश नेशनल पार्टी (खालिदा जिया की पार्टी) को सत्ता में लाना चाहता है। शेख हसीना से कहा कि वह (अमेरिका) भ्रष्ट लोगों को सत्ता में देखना चाहते हैं।
अमेरिका ने बांग्लादेश की प्रमुख सुरक्षा एजेंसी रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) पर भी मानवाधिकार उल्लंघनों के आरोप लगाते हुए प्रतिबंध लगा दिए थे। इस सुरक्षा एजेंसी को वर्ष 2004 में चरमपंथ से लड़ने के लिए बनाया गया था। बांग्लादेश की PM इस कारण से अमेरिका की पहले भी आलोचना कर चुकी हैं।
दिसम्बर 2022 में अमेरिका के बांग्लादेश में राजदूत पीटर हास ने बांग्लादेश के विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनल पार्टी के गायब हो चुके एक नेता के घर गए थे। इस दौरान कई लोगों ने उनका विरोध भी किया था।
बांग्लादेश की सरकार ने पीटर के इस कदम की आलोचना भी की थी। इस मामले पर रूस ने भी अमेरिका पर बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में दखल ना देने की बात कही थी। शेख हसीना इन्हीं कारणों के चलते अमेरिका पर नाराज बताई जा रही हैं।