कोलकाता डॉक्टर बलात्कार और हत्या मामले में एक बार फिर पूर्व पुलिस आयुक्त विनीत गोयल पर सवाल खड़े हो रहे हैं, मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय ने दावा किया है कि रेप केस में उसे झूठा फंसाया गया है। उसने कहा है कि विनीत गोयल ने उसे फँसाने की साजिश रची है।
संजय रॉय ने जिन पुलिस आयुक्त विनीत गोयल का नाम लिया है, उन पर आरजी कर मामले में लगातार गंभीर सवाल खड़े होते रहे हैं। विनीत गोयल पर आरोप लगते रहे हैं कि उन्होंने आरजी कर मामले में किसी को बचाने या फिर कुछ छिपाने के उद्देश्य से जानबूझकर लापरवाही बरती। आरोप लगते रहे हैं कि विनीत गोयल के पुलिस आयुक्त रहते ही मामले में शासन और प्रशासन स्तर पर, पुलिस की जाँच के स्तर पर तमाम तरह की लापरवाहियां की गईं।
आरजी कर मामले में आरोपी संजय रॉय, कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त का नाम क्यों ले रहा है, ये तो जाँच का विषय है लेकिन याद रखिए कि यह कोई पहली बार नहीं है जब विनीत गोयल पर किसी बलात्कार के मामले में सवाल खड़े हुए हो- इससे पहले 2013 के कामदुनी रेप केस में भी विनीत गोयल अपनी संदिग्ध भूमिका के कारण चर्चा में रह चुके हैं। गोयल पर कामदुनी रेप केस में सबूत नष्ट करने समेत कई गंभीर सवाल खड़े हुए थे।
आरजी कर मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील फिरोज एडुल्जी ने दावा किया था कि उन्हें अंदेशा है कि इस मामले में भी कामदुनी केस की तरह आरोपी बरी हो जाएंगे। हाईकोर्ट में ऐसा क्यों कहा गया? विनीत गोयल पर कामदुनी केस में क्यों सवाल उठते रहे हैं? इसे समझने के लिए आइए कामदुनी केस पर एक नजर डालते हैं।
7 जून, 2013 को डेरोजियो कॉलेज की छात्रा को कामदुनी स्थित अपने घर जाते समय अगवा कर लिया गया था। उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उसकी हत्या करके शव को एक खेत में फेंक दिया गया।
उस समय कामदुनी बलात्कार और हत्या मामले की जांच कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ही कर रहे थे। गोयल उस समय CID के आईजी पद पर तैनात थे। आरोप लगे कि मामले की जाँच की शुरूआत में ही सबूतों से छेड़छाड़ की गई- इसलिए बाद में केस कमजोर पड़ गया। इसके कारण पिछले वर्ष कलकत्ता हाईकोर्ट ने दो दोषियों की मृत्युदंड की सजा कम कर दी थी और एक आरोपी को बरी कर दिया था।
कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त विनीत गोयल पर कामदुनी केस में सवाल उठे, उसके बाद आरजी कर मामले में जानूबझकर लापरवाही के आरोप लगे और अब आरोपी संजय रॉय ने उन पर उसे फँसाने का आरोप लगाया है। याद रखिए, गोयल को सीएम ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या विनीत गोयल को लेकर एक निष्पक्ष जाँच नहीं की जानी चाहिए?
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