छतीसगढ़ में एक सट्टा लगाने वाले ऐप्प ‘महादेव’ के माध्यम से 5,000 करोड़ रुपए के लेनदेन का खुलासा हुआ है, इस सम्बन्ध में ED ने राज्य में छापेमारी भी की। इस घोटाले में प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सलाहकार विनोद वर्मा पर भी आरोप लगे हैं।
पूरे घोटाले का संचालन दुबई से हो रहा था। यह सारा खेल महादेव गेमिंग ऐप्प के जरिए किया गया है। इसके जरिए लोगों को सट्टा खिलवाया जाता था। जो भी व्यक्ति इसमें सट्टा लगाते थे, उन्हें शुरुआत में हार होने पर भी जीता दिखा कर पैसे भेज दिए जाते थे। बड़ी रकम लगाने पर व्यक्ति हार जाता था।
सट्टे के जरिए कमाया गया पैसा हवाला के माध्यम से प्रदेश से बाहर भेजा गया है। यह भी जानकारी सामने आई है कि इस पूरे सट्टेबाजी में कई गरीबों के खातों को किराए पर लेकर उनसे लेनदेन किया गया। इस मामले में पिछले वर्ष से गिरफ्तारियां चल रही हैं। इस बार फिर ED ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार किए जाने वालों में छत्तीसगढ़ पुलिस के सब इंस्पेक्टर चंद्रभूषण वर्मा, हवाला कारोबारी सतीश चन्द्राकर, अनिल दमानी और सुनील दमानी नाम के दो अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। इस पूरे घोटाले की जांच में सामने आया है कि ऐप्प के जरिए हर खेल पर और यहाँ तक कि चुनावों पर भी सट्टा लगवाया जाता है।
मामले का खुलासा ना हो इसके लिए चंद्रभूषण को बड़ी धनराशि दुबई से भेजी जा रही थी जिसे वह संरक्षण देने वाले लोगों में बाँट रहा था। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, ED की जांच में सामने आया है कि भूपेश बघेल के सलाहकार विनोद वर्मा के चंद्रभूषण के साथ संबंध थे। विनोद वर्मा पर पूर्व में सेक्स सीडी काण्ड में भी आरोप लग चुके हैं। उसने यह भी बताया है कि वह मासिक तौर पर पुलिस अधिकारियों को रिश्वत देता था जिसे उसने पिछले वर्ष बढ़ा भी दिया था।
इस महादेव ऐप्प के जरिए होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए लम्बे समय से प्रयास जारी है और लगातार आरोपी गिरफ्तार किए जा रहे हैं। कई दिनों से छतीसगढ़ के अलग-अलग शहरों में छापेमारी चल रही है। कुछ रिपोर्ट में कहा गया है कि घोटाले की धनराशि अभी 600 करोड़ है लेकिन आगे यह बढ़ सकती है।
इस पूरे मामले में छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री के सलाहकार का नाम आने पर भाजपा नेता और छतीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा, “अब सारे राज सामने आने लगे तो भ्रष्ट मंडली फिर भाजपा-भाजपा करने लगी है। ED ने तो साफ कर दिया है कि महादेव ऑनलाइन सट्टा के अवैध पैसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और राजनीतिक रूप से मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े नेताओं को ‘संरक्षण राशि’ के रूप में दिए जा रहे थे। अब दाऊ भूपेश बघेल को जवाब देना पड़ेगा कि उनके कार्यालय में किसको कितने पैसे मिले हैं?”
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