आज मंगलवार का दिन सहारा समूह के निवेशकों के लिए खुशखबरी लेकर आया है। इन निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए केंद्र सरकार ने सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च कर दिया है । ‘सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल’ को आज केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लॉन्च किया। इससे सहारा समूह की चार सहकारी समितियों के उन सभी वास्तविक निवेशकों के पैसे लौटाए जाएंगे, जिनकी जमा करने की अवधि पूरी हो चुकी है।
जमाकर्ता पोर्टल में रजिस्टर कर अपने दावे ऑनलाइन प्रस्तुत कर सकेंगे। इसमें दिए गए लिंक को क्लिक करके उसमें सेबी सहारा ऑनलाइन एप्लीकेशन-2023 का पेज खुलेगा। इसमें समस्त जानकारी उपलब्ध करानी होगी।
सहारा-सेबी विवाद
दरअसल, सहारा का ये विवाद साल 2009 का है. जब सहारा की दो कंपनियां सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन ने अपना आईपीओ लाने की पेशकश की। आईपीओ के आते ही सहारा की गड़बड़ियों की पोल खुलने की शुरुआत हो गई।
सेबी के सामने ये बात आ गई कि सहारा ने गलत तरीके से 24000 करोड़ की रकम जुटाई थी। इसके बाद जांच शुरू हुई और सेबी अनियमितता पाई। इसके बाद सेबी ने सहारा से निवेशकों का पैसा ब्याज समेत लौटाने को कहा था लेकिन ऐसा नहीं हुआ और फिर मामला उलझता चला गया।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?
सुप्रीम कोर्ट ने वास्तविक जमाकर्ताओं के भुगतान के लिए सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5 हजार करोड़ रुपये सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार सीआरसीएस को हस्तांतरित करने का आदेश दिया था।
सरकार ने कहा था कि सहारा की 4 सहकारी समितियों के 10 करोड़ निवेशकों को 9 माह में पैसा लौटाया जाएगा। सहारा-सेबी फंड में 2,400 करोड़ जमा हैं। इसमें सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लि. सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव व स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव के जमाकर्ता दावे पेश कर सकेंगे।