The PamphletThe Pamphlet
  • राजनीति
  • दुनिया
  • आर्थिकी
  • विमर्श
  • राष्ट्रीय
  • सांस्कृतिक
  • मीडिया पंचनामा
  • खेल एवं मनोरंजन
What's Hot

राजकोषीय घाटे का प्रबंधन सही दिशा में है

December 2, 2023

भारत ने उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन किया, दूसरी तिमाही में जीडीपी 7.6% बढ़ी

December 1, 2023

बिहार: युवक की सरकारी नौकरी लगने पर बंदूक की नोक पर पकड़ौआ शादी

December 1, 2023
Facebook X (Twitter) Instagram
The PamphletThe Pamphlet
  • लोकप्रिय
  • वीडियो
  • नवीनतम
Facebook X (Twitter) Instagram
ENGLISH
  • राजनीति
  • दुनिया
  • आर्थिकी
  • विमर्श
  • राष्ट्रीय
  • सांस्कृतिक
  • मीडिया पंचनामा
  • खेल एवं मनोरंजन
The PamphletThe Pamphlet
English
Home » एस जयशंकर ने वैश्विक मंच पर भारतीय एजेंडा तय कर दिया है
प्रमुख खबर

एस जयशंकर ने वैश्विक मंच पर भारतीय एजेंडा तय कर दिया है

एस जयशंकर ने UNGA में भारतीय लक्ष्यों को स्पष्ट रखते हुए बता दिया है कि भारत विश्वमित्रता के साथ विकास की महत्वाकांक्षा लेकर चल रहा है।
Pratibha SharmaBy Pratibha SharmaSeptember 28, 2023No Comments5 Mins Read
Facebook Twitter LinkedIn Tumblr WhatsApp Telegram Email
S Jaishankar in UNGA
संयुक्त राष्ट्र महासभा में एस जयशंकर
Share
Facebook Twitter LinkedIn Email

सयुंक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र को संबोधित करते हुए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सधे तरीके से भारत के लक्ष्य वैश्विक मंच पर रख दिए हैं। नमस्ते भारत से शुरुआत करके विदेश मंत्री ने जी20, खाद्य सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा पर बात की। ग्लोबल साउथ के एजेंडे पर बात करके एस जयशंकर ने पश्चिम को यह संकेत देने का प्रयास भी किया है कि अब वह बहुध्रुवीयता के लिए तैयार रहें,  जिसमें पश्चिमी देशों की भूमिका सहयोग के आधार पर तय की जाएगी न कि आदेशकर्ता के रूप में।

जी20 की सफलता पर बात करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने एक परिवार, एक भविष्य को संयुक्त राष्ट्र के मंच पर रख दिया। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत के लिए विकास की धारणा अन्य देशों से अलग है। अपनी पारंपरिक सभ्यता और आधुनिक विकास के मेल के साथ भारत विकास का लाभ वैश्विक स्तर पर तय करता है, जहां विकास के जरिए भारत के लक्ष्य ही नहीं बल्कि एक परिवार और एक भविष्य  के आधार पर वैश्विक  हितों की रक्षा भी सुनिश्चित की जा सके। विदेश मंत्री ने जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर कहा उसकी झलक हमें कोरोना काल और कई देशों में आई आपाद घटनाओं में देखने को मिल चुकी है।

कोरोना काल में स्वेदशी वैक्सीन के निर्माण से न केवल देशवासियों की रक्षा की बल्कि कई जरूरतमंद देशों को समय पर वैक्सीन पहुँचाकर वैश्विक हितों में अपना योगदान भी दिया। गुयाना से लेकर कई देश ऐसे रहे जहां भारत ने सबसे पहले मदद का हाथ आगे बढ़ाया। अपने देश में ही भारी जनसंख्या की चुनौती का सामना करते हुए भारत ने उन देशों का साथ नहीं छोड़ा जिनके लिए सभी दरवाजे बंद नजर आ रहे थे।

विदेश मंत्री के बयान से स्पष्ट है कि भारत की विश्व कल्याण की नीति इसके सभ्यता के मूल से बाहर निकलकर आती है। आज सभी मंचों पर जब विश्वगुरू की धारणा का जिक्र किया जा रहा है तो इसी बीच कोरोना काल में भारतीय नीति की एक ओर सफलता पर नजर डालनी चाहिए। भारत ने स्वदेशी वैक्सीन के जरिए अपने द्विपक्षीय और वैश्विक कल्याण के लक्ष्य को प्राप्त किया था पर इसके साथ ही वैश्विक आपदा में विफल रहे ग्लोबलाइजेशन की धारणा को फिर से स्थापित करने में देश ने सबसे बड़ा योगदान दिया था।

अब ऐसा ही प्रयास भारत मिलेट्स यानी श्रीअन्न के जरिए करने जा रहा है। खाद्य सुरक्षा की बात करते हुए एस जयशंकर ने मोटे अनाज का जिक्र कर खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लक्ष्य को भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर रख दिया है। जाहिर है कि भारत के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र (UN) ने वर्ष 2023 को इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर घोषित किया है। मोटे अनाज के उत्पादन से न सिर्फ भारत अपनी पारंपरिक खाद्य संस्कृति की तरफ लौट रहा है बल्कि इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में देश के लिए अनंत संभावनाएं भी है।

हाल ही में कनाडा-भारत विवाद को देखते विदेश मंत्री के बयान पर सभी का ध्यान था। जयशंकर ने बिना किसी का नाम लिए आतंरिक सुरक्षा की बात भी की। उन्होंने दृढ़ता से अपनी बात रखते हुए कहा कि आतंरिक सुरक्षा और अंखडता पर चेरी पिकिंग यानि की भेदभाव से चुनाव करने की जो आदत है वह समावेशी वातावरण का निर्माण नहीं कर सकती है। वास्तविक एकजुटता के बिना कभी वास्तविक विकास नहीं हो सकता है।

राजनीतिक सहूलियत से आतंकवाद, उग्रवाद और देश की सीमाओं का सम्मान नहीं करने वालों को विदेश मंत्री ने आतंरिक मामलों में दखल न देने का आह्वान किया। पाकिस्तान से अपने ठंडे रिश्तों के साथ ही भारत ने जो एजेंडा सेट किया था देश आज भी उस पर कायम है। विदेश मंत्री ने साफ कर दिया है कि राजनीतिक सहूलियत से आतंकवाद के प्रति प्रतिक्रिया तय नहीं होनी चाहिए। वैश्विक बाजार का इस्तेमाल भोजन औऱ एनर्जी को जरूरतमंदों से अमीरों तक पहुँचाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

कनाडा में चल रहे भारत विरोधी एजेंडे पर विदेश मंत्री ने अपनी राय साफ रख दी है। कनाडा हो या पाकिस्तान, वे आतंरिक सुरक्षा में दखल देकर राजनीतिक लाभ तय नहीं कर सकते हैं।

बहुध्रुवीयता का लाभ कहें या पश्चिम का कम होता प्रभाव, हाल के दिनों में भारत जिसका प्रचार कर रहा है या संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के भविष्य का एजेंडा जिस के जरिए विदेश मंत्री ने रखा है वो है, विश्व-मित्रता। आपदा के वक्त श्रीलंका, तुर्किये की मदद करना तो वैश्विक कल्याण की श्रेणी में आता ही है पर विश्वमित्र की भूमिका के जरिए ग्लोबल साउथ के साथ ही भारत ने स्वयं का स्थान तय कर दिया है। जी20 की सफलता और जी-20 नेताओं की घोषणा के साथ जो बताने का प्रयास किया है वो यह है कि समावेशी भविष्य और कूटनीतिक सफलताओं में भारत की भूमिका क्या रहने वाली है।

विकास का लक्ष्य पिछड़े देशों को आगे लाने की दिशा में काम करना चाहिए। जी20 के जरिए ग्लोबल साउथ से शुरुआत करके भारत ने 125 देशों को सीधे सुनने और उनकी चिंताओं को जी20 एजेंडे पर रखने में सफलता हासिल की। यही विश्वमित्रता का लक्ष्य है।

इस लेख का अंत भारत की उस छवि के साथ करना चाहिए जो एस जयशंकर ने अंतरराष्टीय मंच पर रखी है। उनका कहना है कि भारत आज अपने अमृत काल में पहुंच गया है। भारत जिस स्थान पर अभी है उससे भी अधिक प्रगति और परिवर्तन हमारा इंतजार कर रहा है। जी20 में अफ्रीका के आगमन के साथ भारत यह संदेश देने में कामयाब रहा है संयुक्त राष्ट्र को अपनी सदस्यता के समसामयिकता पर गौर करना चाहिए।

भारत न केवल अपनी पारंपरिक जड़ों के साथ जुडा हुआ है बल्कि विकास के अपने लक्ष्यों के साथ वैश्विक मित्रता की भावना पर बल दे रहा है। यह भावना सबसे पुराने लोकतंत्र और भारतीय मूल्यों से निकलकर आती है। क्या कोई भी अंतरराष्ट्रीय संगठन ऐसे देश को हाशिये पर बैठाने के लिए तैयार है जो विश्व को एक परिवार मानकर समावेशी विकास और सुधारों में अवर्णनीय योगदान देने को तैयार है?

यह भी पढ़ें- राज्यसभा में विदेश नीति का पाठ पढ़ाते एस जयशंकर

Author

  • Pratibha Sharma
    Pratibha Sharma

    View all posts

Featured
Share. Facebook Twitter LinkedIn Email
Pratibha Sharma

Related Posts

राजकोषीय घाटे का प्रबंधन सही दिशा में है

December 2, 2023

भारत ने उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन किया, दूसरी तिमाही में जीडीपी 7.6% बढ़ी

December 1, 2023

बिहार: युवक की सरकारी नौकरी लगने पर बंदूक की नोक पर पकड़ौआ शादी

December 1, 2023

भारत की GDP में उद्योग क्षेत्र का बढ़ता योगदान

December 1, 2023

तेलंगाना चुनाव से पहले आंध्र प्रदेश ने नागार्जुन सागर बांध का आधा हिस्सा अपने कब्जे में लिया

December 1, 2023

WTO की कृषि वार्ता प्रमुख विवादित मुद्दों पर सहमति तक पहुंचने में विफल रही

November 30, 2023
Add A Comment

Leave A Reply Cancel Reply

Don't Miss
आर्थिकी

राजकोषीय घाटे का प्रबंधन सही दिशा में है

December 2, 20233 Views

कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स द्वारा जारी किए गए नए डाटा के अनुसार राजकोषीय घाटे का प्रबंधन सही होने से आंकड़ों में सुधार हुआ है।

भारत ने उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन किया, दूसरी तिमाही में जीडीपी 7.6% बढ़ी

December 1, 2023

बिहार: युवक की सरकारी नौकरी लगने पर बंदूक की नोक पर पकड़ौआ शादी

December 1, 2023

भारत की GDP में उद्योग क्षेत्र का बढ़ता योगदान

December 1, 2023
Our Picks

पश्चिम बंगाल में औद्योगिक विकास लाने में असफल रही है ममता बनर्जी सरकार

November 30, 2023

तेलंगाना: सरकार बनाने के खातिर कांग्रेस कर सकती है अपने विधायकों को कर्नाटक स्थानांतरित

November 27, 2023

कर्नाटक: आय से अधिक संपत्ति मामले में CBI से बचने के लिए कॉन्ग्रेसियों ने बदला येदियुरप्पा सरकार का फैसला

November 27, 2023

उत्तर प्रदेश के बाद अब बिहार में हलाल सर्टिफाइड उत्पादों पर प्रतिबंध की मांग

November 23, 2023
Stay In Touch
  • Facebook
  • Twitter
  • Instagram
  • YouTube

हमसे सम्पर्क करें:
contact@thepamphlet.in

Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
  • About Us
  • Contact Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • लोकप्रिय
  • नवीनतम
  • वीडियो
  • विमर्श
  • राजनीति
  • मीडिया पंचनामा
  • साहित्य
  • आर्थिकी
  • घुमक्कड़ी
  • दुनिया
  • विविध
  • व्यंग्य
© कॉपीराइट 2022-23 द पैम्फ़लेट । सभी अधिकार सुरक्षित हैं।

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.