आगामी 24 फ़रवरी को रूस-यूक्रेन युद्ध को एक वर्ष पूरा होने जा रहा है। इस से पूर्व रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार (21 फरवरी, 2023) को अपने नागरिकों को सम्बोधित किया। युद्ध को एक साल पूरा होने के अवसर पर रूस की राजधानी मॉस्को गोस्टनी डावर हॉल में राष्ट्रपति पुतिन के साथ कई मंत्री और अधिकारियों समेत रूसी संसद के कई सदस्य भी मौजूद रहे।
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि यह समय उनके देश के लिए जटिल और चुनौतीपूर्ण है और इस दौरान दुनिया तेजी से बदल रही है। ऐतिहासिक घटनाएँ उनके देश का भविष्य तय करेंगी और वे सभी बहुत बड़ी जिम्मेदारी से बंधे हैं।
आध्यात्मिक तबाही की ओर बढ़ रहा है पश्चिम
पुतिन इस बात पर ज़ोर देना नहीं भूले कि पश्चिमी देश आध्यात्मिक तबाही की तरफ जा रहा है। उन्होंने कहा, “वो हमारे चर्च और परंपराओं पर हमले कर रहे हैं। उनके धर्मगुरू तक ‘सेम सेक्स मैरिज’ का समर्थन कर रहे हैं।”
अपने संबोधन में पुतिन ने यूक्रेन पर हमले को ‘स्पेशल ऑपरेशन’ बताया। उन्होंने कहा कि रूस लगातार नाजी खतरों से जूझ रहा था और यूक्रेन की सरकार भी रूस के प्रति घृणा और खतरे को लगातार बढ़ावा दे रही थी। यूक्रेन इंतजार कर रहा था कि रूस आए और उसकी मदद करे। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसा करेंसी फंड बना रहे हैं जिसमें डॉलर का कोई दखल नहीं होगा, हम बिना डॉलर वाला पेमेंट सिस्टम बना रहे हैं।
पुतिन का कहना है कि रूस ने डोनबास क्षेत्र में चल रहे संघर्ष का शान्तिपूर्ण हल निकालने की कोशिश की। उन्होंने पश्चिमी देशों पर निशाना साधते हुए कहा कि शान्ति बहाल करने के लिए पश्चिमी देशों की प्रतिबद्धता कुछ और नहीं बल्कि ‘धोखा’ और ‘बहुत बड़ा झूठ’ है। यूक्रेन पर आरोप लगाते हुए पुतिन ने कहा कि यूक्रेन जैविक और परमाणु हथियार इकट्ठा करने की कोशिश कर रहा था।
इस मुश्किल संघर्ष को समाप्त करने के लिए हम शान्तिपूर्ण तरीका खोज रहे हैं, लेकिन हमारे पीठ पीछे बहुत अलग माहौल बना दिया गया है। पुतिन ने कहा कि अमेरिका और उसके साथी सिर्फ़ अपना दबदबा बढ़ाने की साजिश के लिए दूसरे लोगों को मोहरा बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पश्चिमी ताक़तों ने ही युद्ध के जिन्न को बोतल से बाहर निकाला है, और वो ही इसे वापस बोतल में डाल सकते हैं। हम तो सिर्फ अपने देश और लोगों की सुरक्षा करना चाहते हैं और यही कर भी रहे हैं।
पुतिन ने आगे कहा कि यूक्रेन और डोनबास का पूरा क्षेत्र झूठ का प्रतीक बन चुका है। पश्चिमी देश और यूक्रेन इस अभियान के लिए जिम्मेदार हैं। वे चाहते हैं कि पूर्व की ओर सीधा आक्रमण करके प्रतिस्पर्द्धा समाप्त कर दी जाए। पश्चिमी देश चाहते हैं कि स्थानीय संघर्ष को वैश्विक संघर्ष में बदल दिया जाए। पश्चिमी देश मूलभूत समझौते से पीछे हट गए और उन्होंने पाखंडपूर्ण बयान दिया। वे नेटो गठबंधन का विस्तार करने में लगे रहे।
आर्थिक बहिष्कार पर क्या बोले पुतिन
रूस पर पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबन्ध को लेकर राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, “पश्चिमी देशों ने हम पर प्रतिबंध लगाए ताकि रूस परेशान हो, लेकिन हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत है और हम सभी प्रतिबन्धों का सामना करने में सक्षम हैं।”
उन्होंने कहा कि रूस की अर्थव्यवस्था के बारे में यह भी कहा जा रहा था कि फरवरी-मार्च 2022 में रूस की अर्थव्यवस्था खत्म हो जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। प्रतिबंधों के जवाब में हमारे उद्योग-धंधे ‘आत्मनिर्भर’ बन गए हैं। इस बार हमने रिकॉर्ड स्तर पर गेंहू का उत्पादन किया है। हम उसका निर्यात भी कर रहे हैं।
पुतिन ने कहा, पश्चिमी देशों ने अपने प्रतिबन्धों के जरिए हर वह कोशिश की जिससे रूस की जनता परेशान हो, पश्चिमी देश कह रहे थे कि रूसी अर्थव्यवस्था 20% से 30% घटेगी जबकि इसमें मामूली कमी ही आई है। रूस में जहाँ 2023 में महंगाई 4% रहेगी, वहीं यूरोप के कुछ देशों में यह 17% से 18% तक रहेगी।
सूचना युद्ध छेड़ रहा है पश्चिम
पुतिन ने कहा, “वह हमें युद्ध में नहीं हरा सकते तो अब सूचना युद्ध कर रहें हैं। वह अब परिवार और पहचान को बदलने की कोशिश कर रहें हैं। पश्चिम में अब धार्मिक ग्रंथों पर शक किया जा रहा है। हमें याद है कि USSR के टूटने के समय कैसी आर्थिक समस्याएं आई थीं, हम इस बार हर तरह की स्थिति के लिए तैयार हैं।”
पुतिन ने इस बात पर ज़ोर दिया कि रुस दबाव की राजनीति (प्रेशर टेक्टिक्स) के आगे नहीं झुकने वाला है। उन्होंने कहा, “हमें तो पश्चिमी ताक़तों से भी बातचीत में कोई समस्या नहीं है। हम चाहते हैं कि हमारे बीच जॉइंट सिक्योरिटी स्ट्रक्चर हो। इसके लिए मैंने खुद कई साल तक प्रयास किए, लेकिन अमेरिका और दूसरी पश्चिमी ताक़तें हल चाहती ही नहीं हैं।”
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन आज पोलैंड की राजधानी वारसा में संबोधन करेंगे, व्हाइट हाउस के सूत्रों का कहना है कि वह उससे पहले पुतिन का संबोधन सुन रहे हैं।
यह भी पढ़ें: PM मोदी ने पुतिन को परमाणु हथियार के प्रयोग से रोका: अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA का खुलासा