यूक्रेन से चल रहे संघर्ष के बीच रूस ने नामी पत्रकार और नोबेल पुरस्कार विजेता दिमित्री मुराटोव को ‘विदेशी एजेंट्स’ की अपनी सूची में शामिल किया है। रूस ने यह फैसला मुराटोव पर कथित रूप से विदेशी धन प्राप्त कर देश की छवि खराब करने के आरोप के चलते लिया है।
रूस के न्याय मंत्रालय ने इस निर्णय को सही ठहराते हुए कहा है कि मुराटोव ने रूसी संघ की विदेश और घरेलू नीति के प्रति नकारात्मक रवैया बनाने के उद्देश्य रूस-विरोधी प्रॉपगेंडा फैलाने के लिए विदेशी प्लेटफ़ॉर्म्स का इस्तेमाल किया है। इसके साथ ही रूसी मंत्रालय ने मुराटोव पर अन्य विदेशी एजेंट्स से मिले कंटेट के साथ छेड़छाड़ कर उसे प्रसारित करने का आरोप भी लगाया है।
उल्लेखनीय है कि रूस का कानून ‘विदेशी सहायता प्राप्त करने वाले’ व्यक्तियों और संगठनों को विदेशी एजेंट घोषित करने का अधिकार देता है। ऐसे में रूस के स्वतंत्र समाचार पत्र माने जाने वाले नोवाया गजेटा के संपादक मुराटोव को इस लिस्ट में शामिल किया गया है। नोवाया गजेटा के खिलाफ यूक्रेन पर मॉस्को के हमले के बाद से ही रूस की संस्थाओं पर अपने प्रकाशन के जरिए हमला करने और आक्रामक रवैया रखने का आरोप है।
इस संबंध में नोवाया गजेटा की वेबसाइट ने कहा है कि इसमें टिप्पणी करने के लिए कुछ नहीं है। टिप्पणियों के लिए उन्हें न्याय मंत्रालय से संपर्क करना होगा। इसमें यह भी बताया गया कि ‘विदेशी एजेंट्स’ की सूची में अब 647 लोग एवं संगठन शामिल हैं। प्रकाशन का कहना है कि विदेशी एजेंट्स की सूची का यह लेबल सोवियत काल के ‘लोगों के दुश्मन’ (Enemy of the people) विचारधारा की याद दिलाता है। यह टैग प्रशासनिक बाधाओं को भी न्योता देता है।
बता दें कि यह लेबल विदेशी एजेंट्स को सोशल मीडिया पोस्ट सहित सभी प्रकाशनों को एक ‘टैग’ के साथ पोस्ट करने के लिए बाध्य करता है। इससे कंटेट शेयर करने वाले लोगों और एजेंट्स पर भारी जुर्माने का खतरा बना रहता है।
हालाँकि, एक वर्ग ऐसा भी है जिसका मानना है कि इस प्रकार से चिह्नित कर के रुस अपने आलोचकों को चुप करवाता है। जहां कई स्वतंत्र पत्रकार विदेशों से काम कर रहे हैं वहीं मुराटोव को हाल ही में रूस में देखा गया था। वह अपने मित्र और रूसी मानवाधिकार संगठन मेमोरियल के सह-अध्यक्ष ओलेग ओर्लोव का बचाव करने वाली कानूनी टीम का हिस्सा हैं।
ओर्लोव पर भी यूक्रेन पर हमले पर फ्रांसीसी प्रकाशन में ‘वे फासीवाद चाहते थे, उन्हें मिल गया’ (They wanted fascism, they got it) नामक शीर्षक से अपनी राय व्यक्त करने को लेकर मुकदमा चल रहा है। ओर्लोव पर रूसी सेना का अपमान करने का आरोप है।
रूस ने अपने विरुद्ध चल रहे प्रॉपगेंडा को दबाने के चलते कई हाई-प्रोफाइल विरोधियों को जेल में डाला है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मुख्य विपक्षी राजनेता एलेक्सी नवलनी साल 2021 से जेल में हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष, 2021 में मुराटोव ने नोबेल शांति पुरस्कार को नोवाया गजेटा के पत्रकारों को ये कहते हुए समर्पित किया था, कि इन्होंने अपने पेशे के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया।
1993 में रुस के स्वतंत्र समाचार पत्र माने जाने वाले नोवाया गजेटा के सह-संस्थापक नोबेल शांति पुरस्कार विजेता एवं पूर्व सोवियत नेता मिखाइल गोर्बाचेव थे। यह संस्था पुतिन की आलोचना करने वाले कुछ मीडिया संस्थानों में से एक है।
यह भी पढ़ें- वागनर के मुखिया प्रिगोझिन की विमान हादसे में मौत, दो माह पूर्व पुतिन के विरुद्ध किया था विद्रोह