राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) अब अपने कार्यक्रमों में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने पर विचार करेगा। आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में संगठन के सामाजिक जागरूकता कार्यक्रमों में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने के बारे में चर्चा हुई।
ज्ञात हो कि महिलाओं के लिए संघ की एक शाखा पहले से ही काम करती है जिसे राष्ट्र सेविका समिति के नाम से जाना जाता है। यह समिति महिलाओं के सर्वांगीण विकास को लेकर समर्पित है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट भी जारी की है। इस रिपोर्ट में संघ भारत सरकार को ‘गवर्नमेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘भारत सरकार’ कहकर संबोधित किया है।
बता दें कि आरएसएस की तीन दिवसीय वार्षिक बैठक 12 मार्च को हरियाणा के पानीपत जिले में शुरू हुई है।
संघ के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने संघ से जुड़ी कई जानकारियाँ साझा की।
यह भी पढ़ें: RSS से प्रभावित हो कर रॉबर्ट सोलोमन पादरी से कैसे बने संघ प्रचारक
सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आरएसएस देश की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर एक प्रस्ताव पारित करेगा। इसमें आत्मनिर्भरता पर जोर दिया जाएगा।
वैद्य ने संघ के संगठनात्मक विस्तार की जानकारी देते हुए कहा कि देशभर में संघ की शाखाओं की संख्या बढ़ाने की दिशा में काम चल रहा है। वैद्य के अनुसा, ‘‘अगले एक वर्ष में संघ का शताब्दी वर्ष शुरू होने के मद्देनजर संघ ने दैनिक शाखाओं की संख्या बढ़ाकर एक लाख करने का लक्ष्य रखा है।’’
उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में 42,613 स्थानों पर 68,651 शाखाएं चल रही हैं जबकि साप्ताहिक मिलन की संख्या 26,877 है। वहीं संघ मंडली की संख्या 10,412 है।
सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने यह भी बताया है कि संघ से जुड़ने के लिए वर्ष 2017 से लेकर 2022 तक 7,25,000 निवेदन आए हैं। इनमें से अधिकांश 20 से 35 आयु वर्ग के युवक हैं, जो समाज सेवा के लिए संघ से जुड़ना चाहते हैं।
संघ की शाखाओं को लेकर जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि संघ की 60 प्रतिशत शाखाएं विद्यार्थी शाखाएं हैं। पिछले एक वर्ष में 1,21,137 युवाओं ने देशभर में संघ का प्राथमिक प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
यह भी पढ़ें: टंट्या मामा: वो वनवासी ‘रॉबिन हुड’, जिनके नाम पर झूठ फैलाते पकड़े गए राहुल गाँधी