हाल ही में मुख्यधारा की मीडिया में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के संबंध में एक फ़ेक न्यूज़ फैलाई गई। कई मीडिया संस्थानों द्वारा दावा किया गया कि आरएसएस की तरफ से नव्य अयोध्या में 100 एकड़ जमीन की माँग की गई है और इस पर आरएसएस दूसरा सबसे बड़ा मुख्यालय बनाने जा रहा है।
बताया गया कि यदि यह प्रस्ताव मंजूर होता है तो अयोध्या में बनने वाला आरएसएस का यह मुख्यालय नागपुर मुख्यालय से भी बड़ा होगा। हालाँकि इस खबर का खंडन पहले ही अयोध्या विकास प्राधिकरण और नव्य अयोध्या का निर्माण करने वाली इकाई उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद कर चुकी थी।
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आरएसएस द्वारा भी इन सभी खबरों का खंडन करते हुए फेक न्यूज करार दिया है। अब इस मामले में पुलिस द्वारा उन सभी अखबारों और चैनलों के विरुद्ध एफआरआई दर्ज की गई जिन्होंने फेक न्यूज फैलाने का काम किया है।
एफआईआर में दैनिक भास्कर अखबार और इसी के ऑनलाइन पोर्टल, हरिभूम न्यूज, न्यूज 24, फोकस 24 न्यूज, स्टार सवेरा चैनल, जनादेश टूडे चैनल, दी भारत न्यूज, पंजाब केसरी और अन्य कई अखबारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
दरअसल, वर्ष 2025 में संघ अपना शताब्दी वर्ष मनाएगा। इन मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि आरएसएस ने अयोध्या में नया भव्य मुख्यालय बनाने के लिए जमीन की मांग की है। फेक न्यूज में दावा यह भी किया गया कि आरएसएस इस मुख्यालय में कार्यकर्ताओं के रहने की व्यवस्था भी करेगा। हालाँकि, आरएसएस द्वारा इसे मात्र फेक न्यूज करार दिया गया है।
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आरएसएस के अनुसार अयोध्या के साकेतपुरी कॉलोनी में पहले ही एक विशाल प्रांतीय मुख्यालय बनकर तैयार है जिसका नाम साकेत निलयम रखा गया है। साकेत निलयम करीब 1 लाख वर्ग फीट में विस्तार लिए हुए है और राम मंदिर से महज 3 से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
दूसरी ओर, यूपी आवास विकास परिषद के अधिशाषी अभियंता ओपी पांडे ने भी इस पर स्पष्ट करते हुए कहा था कि उनके विभाग में अभी तक आरएसएस का कोई प्रस्ताव नव्य अयोध्या में 100 एकड़ जमीन के संबंध में आँहीं आया है और ना ही इसकी कोई जानकारी उन्हें मिली है। उन्होंने बताया कि नव्य अयोध्या में भूमि आवंटन की कार्रवाई नियमावली के अनुसार ही होगी।