सपा के बाद अब सीपीआई (एम) और कांग्रेस के बीच बिगड़ी बात ने इंडि गठबंधन के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। दरअसल कांग्रेस के साथ सीट समझौते पर बात नहीं बनने के बाद सीपीआई (एम) की तेलंगाना इकाई ने बृहस्पतिवार को 17 सीटों की सूची जारी की है। जहां वह 30 नवंबर के चुनावों के दौरान चुनाव लड़ेगी।
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीपीआई (एम) के तेलंगाना सचिव टी वीरभद्रम ने संवाददाताओं से कहा है कि वे सीट बंटवारे पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया का अब तक इंतजार कर रहे थे। हालांकि उन्हें इससे कोई फायदा नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि अब ऐसी परिस्थिति आ गई है कि हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं है। इसलिए हमने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। हमने बुधवार को राज्य समिति की बैठक में कई मुद्दों पर गहन चर्चा की। हमें 24 निर्वाचन क्षेत्रों से प्रस्ताव मिले थे लेकिन राज्य नेतृत्व ने 7 सीटों की पहली सूची के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है।
सीपीआई (एम) नेता का कहना है कि अंततः सूची 20 तक जा सकती है, जारी सूची में एक या दो संशोधन हो सकते हैं। वीरभद्रम ने कहा कि अगर सीपीआई भी कांग्रेस के साथ समझौता नहीं कर पाती है, तो सूची में कुछ बदलाव हो सकते हैं।
उनके अनुसार पार्टी का मुख्य उद्देश्य भाजपा उम्मीदवारों का हराना है। साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी का लक्ष्य गरीब लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करने के लिए विधानसभा में प्रतिनिधित्व के लिए वाम दलों को वोट देने का अनुरोध करना है। उन्होंने कहा, बाकी सीटों पर जहां भी बीजेपी की जीत की संभावना है, वहां सीपीआई (एम) लोगों से मजबूत प्रमुख दावेदार या तो कांग्रेस या बीआरएस को वोट देने के लिए कहेगी।
जाहिर है कि सीपीआई (एम) से पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग के मामले पर उलझ चुके हैं। उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि जो व्यवहार अब हो रहा है वो ही लोकसभा चुनावों में भी होगा।
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