NCERT की किताबों में हाल ही में कुछ बदलाव किए गए लेकिन इस से इंडिया से बाहर बैठे लोगों को बड़ी दिक्कत हो रही है। उनमें से एक है रिचर्ड डॉकिंस (Richard Dawkins)। इनके एक पोस्ट से ऐसा लगता है कि इन्हें भारत के बच्चों के भविष्य की चिंता है। बेशक होगी ही, क्योंकि शायद Richard Dawkins को ये एहसास हो रहा है कि आने वाले समय में भारतीयों को स्लेव तो नहीं बनाया जा सकेगा।
कोई इस बात से परेशान है की विदेश में रहकर कोई इंडियन ओरिजिन का उनका प्रधानमंत्री कैसे बन सकता है, तो किसी को ये चिंता है कि अगर डार्विन की एवोल्यूशन थ्योरी भारतीय नहीं पढ़ेंगे तो शायद हम नहीं हो पाएंगे। ऐसा तो है नहीं कि जैसे यहाँ शेक्सपियर थोपा गया है उस हिसाब से वैसे भी शशि थरूर जैसे ही नेता निकले हैं। तो देखते हैं इस ब्रिटिश वैज्ञानिक ने अब भारत के ख़िलाफ़ क्या नफ़रत उगली है –
साइंस बुक में बदलाव पर रिचर्ड डॉकिंस ने क्या लिखा
31 मई के दिन रिचर्ड डॉकिंस ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, “Modi’s BJP is a tragic affront to India’s secular beginnings. Hinduism is at least as ridiculous as Islam. Between them, these two idiotic religions have betrayed the ideals of Nehru and Gandhi”
यानी, “मोदी की भाजपा भारत के सेक्युलर फैब्रिक को तोड़ रही है। हिंदू धर्म उतना ही हास्यास्पद है जितना कि इस्लाम और आपस में इन दो मूर्ख धर्मों ने नेहरू और गांधी के आदर्शों के साथ विश्वासघात किया है।”
रिचर्ड ने बात NCERT से शुरू की लेकिन आख़िर में पीएम मोदी और हिंदुत्व पर अपने विचार लिख बैठे। रिचर्ड एक ब्रिटिश जीवविज्ञानी हैं और इनकी पहचान भारत में लेखक के तौर पर है। इसके अलावा इनकी एक और पहचान भी है – भारत-विरोधी बयान और हिंदुओं से नफ़रत की। उनका इतिहास भी भारतीयों और ख़ासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछड़ा बताने का रहा है।
जब-जब भारत-विरोधी नैरेटिव का माहौल बनता है तब तब रिचर्ड (Richard Dawkins) अपनी हाज़िरी लगाने पहुँच जाते हैं। इस बार फिर डॉकिंस ने अपने ट्विटर अकाउंट से हिंदुओं पर हमला बोला है। आख़िरी बार वो भारत में तब चर्चा में आए थे जब उनके नाम से जावेद अख़्तर को एक पुरस्कार मिलने की अफ़वाह उड़ी थी। हालाँकि बाद में डॉकिंस को ख़ुद इस पर सफ़ाई देने आना पड़ा था।
आज दोबारा अपनी भारत विरोधी नफ़रत के लिए रिचर्ड डॉकिंस ने एक आर्टिकल शेयर किया है जिसमें दावा किया गया है कि भारत में NCERT ने क्लास ११ की विज्ञान की किताबों में कुछ बदलाव कर के एवोल्यूशन, पीरियोडिक टेबल और पोल्युशन जैसे विषयों को हटा दिया है।
रिचर्ड डॉकिंस के इस हिंदू-विरोधी और भारत-विरोधी ट्वीट पर लोग उन्हें प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि सुनने में आया है डॉकिंस ने अपनी सुरक्षा के लिए धरती को फ्लैट मानना शुरू कर दिया है, कुछ लोगों ने ये भी सवाल किए कि आख़िर डॉकिंस ने ये ट्वीट कर के कितने कमाए। कुछ लोगों ने क्रिश्चियन रिचर्ड को ये भी याद दिलाया कि हिंदुओं ने नहीं बल्कि ईसाइयों ने ही विज्ञान के ख़िलाफ़ लोगों को फाँसी देने के कारनामे किए थे। एक उदाहरण हिपेशिया नाम की महिला का भी है, जिसे ईसाइयों ने इसलिए मॉब लिंचिंग कर मार दिया क्योंकि वो मैथ्स पढ़ती थी और सोलर सिस्टम पर उसकी फ़ाइंडिंग्स बाइबिल के ख़िलाफ़ थी।
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नेचर मैगज़ीन के हवाले से NCERT के बारे में ये दावे किए जा रहे हैं और इसका ज़िक्र नहीं किया जा रहा है कि NCERT ने कुछ टॉपिक क्लास 11 की जगह 12th के सिलेबस में रख लिये हैं। NCERT ने ये भी लिखा है कि किताबों में टॉपिक की ओवरलैपिंग को दूर करने के लिए सिलेबस को रेशनलाइज किया गया है। जैसे एवोल्यूशन के टॉपिक को बारहवीं क्लास में और पीरियड टेबल को क्लास ११ में रखा गया है। इसमें हिंदू धर्म कहाँ से बीच में आ गया?
पैट्रिक ब्रॉकमैन नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा है कि, “डॉकिंस ने अपनी नफ़रत में इस बात को छिपा लिया कि वैदिक संस्कृति ने विज्ञान को उसके सभी रूपों में जन्म दिया। जबकि उनके देश के सभी महान भौतिक विज्ञानी अपने जवाब तलाशने के लिए उपनिषदों की मदद लेते हैं।”
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रिचर्ड का राजनीतिक नज़रिया भारत के ख़िलाफ़ आज नहीं बल्कि हमेशा से ही नफ़रत से भरा रहा है। Richard Dawkins के बारे में उनकी वेबसाइट पर लिखे आर्टिकल से ठीक ठीक जानकारी मिल जाती है। भारत के ख़िलाफ़ उनका पूर्वाग्रह और ज़हर भी यहाँ पर नज़र आता है।
रिचर्ड की वेबसाइट पर फ़रवरी, 2016 के दिन प्रकाशित अमेरिकी अख़बार न्यूयॉर्क टाइम्स की पत्रकार अपूर्वा मंडावली के लेख में भी मोदी सरकार को विज्ञान-विरोधी बताया गया था। यानी सिर्फ़ रिचर्ड ही नहीं बल्कि रिचर्ड की पूरी गैंग ही भारत और मोदी फोबिया से ग्रसित है। इन्होंने इस लेख में नरेंद्र मोदी सरकार को कंजर्वेटिव और दक्षिणपंथी बताते हुए लिखा था कि शिक्षा के मामलों में सरकार का दखल और धार्मिक असहिष्णुता के बढ़ते माहौल के कारण देशभर के बौद्धिक लोग इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठा रहे हैं। ये तब की बात है जब भारत में असहिष्णुता वाली गैंग अपना नैरेटिव तैयार करने में लगी थी और अवॉर्ड वापसी का नाटक भी चल रहा था। इस लेख में RSS को एक दक्षिणपंथी कट्टरवादी संगठन कहा गया था। अब क्योंकि भारत में लोकसभा चुनाव नज़दीक हैं तो रिचर्ड और उनकी गैंग फिर से सक्रिय होने की तैयारी कर रही है।
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साइंस बुक के सिलेबस में बदलाव पर NCERT ने क्या कहा
इस तमाम विवाद के बीच NCERT ने अपनी साइंस की किताब से पीरियॉडिक टेबल वाले चैप्टर स्थायी रूप से हटाने पर कहा है कि कोरोना महामारी के समय इसे अस्थायी रूप से हटा दिया गया था और छात्रों पर पड़ने वाले बोझ को देखते हुए यह फ़ैसला लिया गया है। यानी 10वीं क्लास की केमिस्ट्री की किताब में अब विद्यार्थियों को आवृत सारिणी यानी पीरियाडिक टेबल देखने को नहीं मिलेगी।