The PamphletThe Pamphlet
  • राजनीति
  • दुनिया
  • आर्थिकी
  • विमर्श
  • राष्ट्रीय
  • सांस्कृतिक
  • मीडिया पंचनामा
  • खेल एवं मनोरंजन
What's Hot

यूरोपीय देशों में गैर-टैरिफ उपायों से भारत के निर्यात पर संभावित जोखिमों का आकलन

September 25, 2023

जेपी मॉर्गन के भारत को इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में शामिल करने से भारतीय अर्थव्यवस्था को होगा लाभ

September 25, 2023

‘हरामी’ से लेकर ‘मोदी की हत्या’ तक… संसद एवं राजनीतिक रैलियों में नफरती भाषा का जमकर हुआ है इस्तेमाल

September 23, 2023
Facebook Twitter Instagram
The PamphletThe Pamphlet
  • लोकप्रिय
  • वीडियो
  • नवीनतम
Facebook Twitter Instagram
ENGLISH
  • राजनीति
  • दुनिया
  • आर्थिकी
  • विमर्श
  • राष्ट्रीय
  • सांस्कृतिक
  • मीडिया पंचनामा
  • खेल एवं मनोरंजन
The PamphletThe Pamphlet
English
Home » हमने ही दी थी नोटबंदी की सिफारिश, नियमानुसार हुआ था काम: सुप्रीम कोर्ट में रिजर्व बैंक
आर्थिकी

हमने ही दी थी नोटबंदी की सिफारिश, नियमानुसार हुआ था काम: सुप्रीम कोर्ट में रिजर्व बैंक

The Pamphlet StaffBy The Pamphlet StaffDecember 6, 2022No Comments2 Mins Read
Facebook Twitter LinkedIn Tumblr WhatsApp Telegram Email
Share
Facebook Twitter LinkedIn Email

ऐतिहासिक नोटबंदी के फैसले की सिफारिश रिजर्व बैंक ने ही की थी। रिजर्व बैंक ने यह भी सुनिश्चित किया था कि सभी आधिकारिक प्रक्रियाओं का पालन हो। यह जानकारी भारतीय रिज़र्व बैंक का पक्ष रख रहे वकील जयदीप गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में जारी नोटबंदी पर सुनवाई के दौरान दी।

‘विवेक नारायण शर्मा बनाम भारत सरकार’ नाम से दायर इस मुदकमे में सुप्रीम कोर्ट सरकार के 8 नवम्बर 2016 को किए गए नोटबंदी के फैसले पर सुनवाई कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच इस मामले सभी पक्षकारों का पक्ष सुन रही है जो कि इस फैसले से जुड़े थे।

इससे पहले, यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष इस मामले में कहा था कि न ही रिजर्व बैंक को और न ही केन्द्रीय कैबिनेट को नोटबंदी के व्यापक फैसले के असर का अंदाजा था। चिदंबरम ने कहा था कि यह पूरा फैसला मात्र 26 घंटों में लिया गया था।

5 दिसम्बर, 2022 को सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच के समक्ष रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का पक्ष सुना जा रहा था। न्यायमूर्तियों के रिजर्व बैंक की ओर से प्रस्तुत हो रहे वकील जयदीप गुप्ता से यह पूछा गया कि “क्या आपको नोटबंदी के फैसले से पहले विश्वास में लिया गया था या आपको इसके विषय में कोई आंतरिक जानकारी थी?”

रिजर्व बैंक ने जवाब में बताया “रिजर्व बैंक के खिलाफ कोई दलील ही नहीं दी गई थी।” सुप्रीम कोर्ट के दोबारा यही प्रश्न पूछने पर कि क्या आपकी राय ली गई थी, वकील जयदीप गुप्ता ने जवाब दिया कि हमने ही इस फैसले की सिफारिश की थी।

अदालती मामलों की रिपोर्ट करने वाली वेबसाईट लाइवलॉ के अनुसार, इस मामले में पी चिदम्बरम ने यह आरोप लगाया था कि फैसला लेने का तरीका गलतियों से भरा हुआ था और इससे जुड़े हुए जरूरी कागज भी सरकार दिखाने में आनाकानी कर रही है।

उन्होंने कहा था कि कोर्ट के समक्ष रिजर्व बैंक की 7 नवम्बर को की गई सिफारिश अब भी नहीं रखी गई है। इसके अतिरिक्त केन्द्रीय कैबिनेट के फैसले वाली फ़ाइल भी प्रस्तुत नहीं की गई है। ये कागज कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किए जाने चाहिए।

इसके उत्तर में एटोर्नी जनरल आर वेंकटरमण ने कहा कि कोई भी कागज रोका नहीं जा रहा है, न ही कोई कागज छुपाया जा रहा है। यदि कोर्ट आदेश करेगा तो सरकार उन्हें जरूर प्रस्तुत करेगी।

Author

  • The Pamphlet Staff
    The Pamphlet Staff

    A New Age Digital Media Platform

    View all posts

Share. Facebook Twitter LinkedIn Email
The Pamphlet Staff
  • Website
  • Facebook
  • Twitter
  • Instagram

A New Age Digital Media Platform

Related Posts

जेपी मॉर्गन के भारत को इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में शामिल करने से भारतीय अर्थव्यवस्था को होगा लाभ

September 25, 2023

2027 तक भारत बनेगा विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था : RBI डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा

September 22, 2023

चीनी की जमाखोरी रोकने, मूल्य स्थिरता के लिए सरकार ने स्टॉक का साप्ताहिक खुलासा अनिवार्य किया

September 22, 2023

चीन से दूर होती वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के कारण भारत अग्रणी निर्माण केंद्र के रूप में उभरा

September 21, 2023

जुलाई 2023 में रोजगार सृजन में बड़ी वृद्धि, EPFO से जुड़े 18.75 लाख से अधिक नए सदस्य

September 21, 2023

राष्ट्रीय कृषि बाजार (e- NAM) प्लेटफॉर्म में प्रगति और सुधार; 28 नई मंडियों को जोड़ा जाएगा

September 20, 2023
Add A Comment

Leave A Reply Cancel Reply

Don't Miss
आर्थिकी

यूरोपीय देशों में गैर-टैरिफ उपायों से भारत के निर्यात पर संभावित जोखिमों का आकलन

September 25, 20232 Views

यूरोपिय संघ के कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (CBAM) और अन्य नियमों के कारण यूरोपीय संघ को होने वाले भारत के निर्यात पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना है।

जेपी मॉर्गन के भारत को इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में शामिल करने से भारतीय अर्थव्यवस्था को होगा लाभ

September 25, 2023

‘हरामी’ से लेकर ‘मोदी की हत्या’ तक… संसद एवं राजनीतिक रैलियों में नफरती भाषा का जमकर हुआ है इस्तेमाल

September 23, 2023

तथाकथित तौर पर यंग किड स्टालिन का समर्थन कर राजनीतिक भविष्य जिंदा रखने का प्रयास करते कमल हासन

September 23, 2023
Our Picks

‘हरामी’ से लेकर ‘मोदी की हत्या’ तक… संसद एवं राजनीतिक रैलियों में नफरती भाषा का जमकर हुआ है इस्तेमाल

September 23, 2023

तथाकथित तौर पर यंग किड स्टालिन का समर्थन कर राजनीतिक भविष्य जिंदा रखने का प्रयास करते कमल हासन

September 23, 2023

कर्नाटक में सियासी हलचल, जेडीएस ने थामा एनडीए का दामन

September 22, 2023

भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती का प्रतीकात्मक रूप है नया संसद भवन

September 22, 2023
Stay In Touch
  • Facebook
  • Twitter
  • Instagram
  • YouTube

हमसे सम्पर्क करें:
contact@thepamphlet.in

Facebook Twitter Instagram YouTube
  • About Us
  • Contact Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • लोकप्रिय
  • नवीनतम
  • वीडियो
  • विमर्श
  • राजनीति
  • मीडिया पंचनामा
  • साहित्य
  • आर्थिकी
  • घुमक्कड़ी
  • दुनिया
  • विविध
  • व्यंग्य
© कॉपीराइट 2022-23 द पैम्फ़लेट । सभी अधिकार सुरक्षित हैं। Developed By North Rose Technologies

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.