त्रेतायुग, जहाँ गुरु विश्वामित्र के यज्ञ में असुर विघ्न बाधा उत्पन्न करने आ जाते थे। आप सोच रहे होंगे कि हम आज त्रेतायुग की ओर क्यों चले गए।
दरअसल, भारत में एक लंबे समय के बाद राम लला ऐतिहासिक श्री राम मंदिर में विराजमान होने वाले हैं और त्रेतायुग की तरह ही इस यज्ञ को भंग करने को लेकर नाना विधि प्रकार की शक्तियाँ सक्रिय हो चुकी है।
हम बात कर रहे हैं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राहुल गाँधी के राजनैतिक गुरु सैम पित्रोदा की जिन्होंने अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान भगवान राम, अयोध्या में बन रहे राम मंदिर और अन्य हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की।
इस बात से तो सब ही वाकिफ हैं कि राहुल गाँधी जब भी कुछ बयान देते हैं तो भूकंप स्वतः ही आ जाता है। यह कला शायद उन्होंने अपने गुरु सैम पित्रोदा से पाई है।
सैम अंकल अपनी भाषा अंग्रेजी में यह कह रहे हैं कि “हमें बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य की समस्या है। इन बातों पर कोई बात नहीं करता। लेकिन हर कोई राम, हनुमान, मंदिर की बात करता है, मै कहता हूँ कि मंदिरों से नौकरी नहीं मिलने वाली”।
ध्यान देने वाली बात यह है कि इस सभा में राहुल गाँधी भी मौजूद थे। वीडियो वायरल होने के बाद भारत के लोगों में सैम पित्रोदा के लिए गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने सोशल मीडिया पर राहुल गाँधी से सवाल पूछने शुरू कर दिए। लोगों ने कहा कि जब सैम पित्रोदा हिन्दू देवी देवताओं पर ऐसे अपमानजनक टिप्पणी दे रहे थे तो राहुल गाँधी ने आपत्ति क्यों नहीं जताई।
वैसे लोगों को राहुल गाँधी से उम्मीद रखनी भी नहीं चाहिए क्योंकि राहुल गाँधी सिर्फ एक चुनावी हिन्दू अधिक प्रतीत होते हैं।
सैम पित्रोदा के इस बयान का जवाब दिया बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने, उन्होंने ट्विटर पर सैम पित्रोदा को फटकार लगाते हुए ज्ञान भी दिया। अपने बयान में अमित मालवीय ने कहा कि दुनिया भर की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर काफी बेहतर कर रहा है।
वैसे आपको बता दे कि ये पहली बार नहीं जब सैम पित्रोदा ने इस तरह हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की हो।
इससे पहले वर्ष 2018 में भी उन्होंने इसी तरह का बयान दिया था। जब एक विश्वविद्यालय में उन्होंने छात्रों से कहा, कि जब मैं इस देश में मंदिर, धर्म, ईश्वर, जाति के बारे में सभी चर्चाओं को सुनता हूँ तो मैं भारत के बारे में चिंता करता हूँ भविष्य में धर्म से नौकरियां उत्पन्न नहीं होंगी, केवल विज्ञान ही भविष्य का निर्माण करेगा।
सुनकर अचंभा होता है कि जिस देश का आधार ही सनातन धर्म है, जिसके संविधान में श्री राम दरबार हो। उसके बारे में विदेश से कोई भी पार्टी का मैनेजर इस तरह की अपमानजनक टिप्पणी कैसे कर सकता है।
और अगर विज्ञान के क्षेत्र में भारत की हिस्सेदारी पर चर्चा करनी है तो स्पेस से लेकर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बढ़ते भारत की भूमिका किसी से छिपी नहीं है
विज्ञान आगे बढ़ा है तो इसका अर्थ ये नहीं कि हम अपनी जड़ों को भूल जाएँ। अपने धर्म को भूल जाएँ
खैर धर्म और ग्रंथों की बात समझने की उम्मीद कांग्रेसियों से करना नाइंसाफी ही होगी। ये वही कांग्रेसी है जो पिछले साल 5 अगस्त को काले कपड़ों में प्रोटेस्ट कर रहे थे। जब इसी दिन 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर की आधारशिला भी रखी थी।
भूलना नहीं चाहिए कि ये वही कांग्रेस है जिन्होंने श्री राम के अस्तित्व को नकार दिया था। शायद सैम पित्रोदा ने भगवान राम का अपमान कर के दर्शा दिया है कि वर्ष 2024 के आम चुनावों के लिए कांग्रेस पार्टी की टूलकिट के पिटारे में से क्या निकलने वाला है।
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