अयोध्या में नाबालिग बालिका के साथ जब सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया था तब समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने आरोपियों के डीएनए टेस्ट की मांग की थी। अखिलेश यादव ने कहा था कि “अयोध्या के भदरसा मामले में डीएनए टेस्ट के बिना भाजपा के आरोप पक्षपातपूर्ण माने जाएंगे।”
अब मामले में डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आ गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार (1 अक्टूबर) को इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ को जानकारी दी है कि अयोध्या बलात्कार मामले में पीड़िता और मोइद खान के नौकर राजू खान के डीएनए सैंपल पीड़िता के भ्रूण से मैच हो गए हैं।
मोइद खान और राजू खान दोनों पर पीड़िता के साथ बलात्कार करने का आरोप है। दोनों आरोपियों को इसी साल 30 जुलाई को जेल भेजा गया था। सोमवार को जस्टिस पंकज भाटिया की कोर्ट में पेश हुए उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) विनोद शाही ने मोइद खान की जमानत अर्जी का विरोध किया।
मामले की सुनवाई के दौरान शाही ने कहा कि डीएनए के मिलान से इस बात की पुष्टि होती है कि नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। शाही ने आगे बताया कि सामूहिक दुष्कर्म के मामले में डीएनए सैंपल केवल एक ही आरोपी से मेल खाएगा। ऐसे में सामूहिक दुष्कर्म में मोइद खान की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता।
सोशल मीडिया पर अभी आरोपियों के ऐसे हितेषी मौजूद हैं जो डीएनए रिपोर्ट को लेकर कह रहे हैं कि इसमें मोइद खान का नाम सामने नहीं आया, इसलिए वे निर्दोष हैं। पर ऐसा नहीं है। जैसा कि AAG विनोद शाही ने बताया कि गैंगरेप के मामलों में कोई एक ही सैंपल मैच होता है, बाकि आरोपियों पर पीड़िता के बयान के आधार पर केस चलाया जाता है। ऐसे में मोईद खान मामले से बाइज्जत बरी नहीं हुए बल्कि वो अभी भी उतना ही आरोपी है, जितना की राजू खान।
यह पहली बार नहीं है जब अखिलेश यादव ने अपने समर्थकों औऱ नेताओं को रेप के मामलों में बचाने के लिए डीएनए टेस्ट की मांग की हो। इससे पहले कन्नौज में रेपकांड सामने आया था, जिसमें समाजवादी पार्टी के नेता नवाब सिंह यादव पर नाबालिग लड़की के साथ रेप करने का आरोप लगा था। अखिलेश यादव ने इस मामले में भी डीएनए और नार्को टेस्ट करवाने की मांग की थी। टेस्ट हुआ भी।
डीएनए टैस्ट में नवाब सिंह यादव का सैंपल पीड़िता के साथ मैच हो गया था। फिलहाल नवाब सिंह यादव जेल में है और मामले में अन्य आरोपी उनके भाई नीलू यादव फरार चल रहे हैं।
कभी उत्तर प्रदेश में सत्ता में रही समाजवादी पार्टी और इसके नेता प्रदेश की सक्रिय और सुधारवादी कानून व्यवस्था को समझ नहीं पा रहे हैं। अखिलेश यादव ने राजनीतिक-सामाजिक ज्ञान अपने पिता मुलायम सिंह यादव से प्राप्त किया है जो बलात्कार के मामलों पर कह चुके हैं कि लड़के हैं, लड़कों से गलती हो जाती है। ऐसे में रेप पर फांसी देना पूरी तरह गलत है।
ऐसे में अखिलेश यादव का रेप के मामलों में इस तरह दोहरा रवैया अपनाकर आरोपियों को बचाने का प्रयास करना आश्चर्यचकित नहीं करता है।
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