21 May 1991 — भारतीय इतिहास में यह एक काली तारीख मानी जाती है। इसी दिन साल 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की हत्या हुई थी! ठीक 31 दिन बाद, यानी 21 June 1991 को राजीव गाँधी फाउंडेशन की बुनियाद रख दी गई।
अभी पूर्व प्रधानमंत्री की चिता की राख भी ठंडी न हुई थी और उनके नाम पर एक फाउंडेशन बना दिया गया। फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं सोनिया गाँधी; उनके बच्चे, प्रियंका-राहुल; कांग्रेसी नेता डॉ मनमोहन सिंह और चिदंबरम इसके ट्रस्टी हैं।
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अब आप सोच रहे होंगे कि आज हम राजीव गाँधी फाउंडेशन की बात क्यों कर रहे हैं? तो देखिए बीते कुछ समय से राष्ट्रीय राजनीतिक विमर्श, जॉर्ज सोरोस और डीप स्टेट के इर्द-गिर्द घूम रहा है। हाल ही में, सांसद निशिकांत दुबे ने संसद में आरोप लगाया है कि राजीव गाँधी फाउंडेशन को सोरोस से पैसा मिलता है।
इससे पहले भी राजीव गाँधी फाउंडेशन पर सवाल उठते रहे हैं- तो आइए आज हम आरजीएफ का एक विश्लेषण करते हैं।
राजीव गाँधी फाउंडेशन की सच्चाई
आरजीएफ को लेकर विवाद की शुरुआत तो उसकी स्थापना के एक महीने बाद ही हो गई ती। 24 July 1991 को तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने केंद्रीय बजट पेश करते हुए घोषणा की थी कि भारत सरकार अब राजीव गाँधी फाउंडेशन को 100 करोड़ रूपए का योगदान देगी।
हालाँकि, राजनीतिक विरोध के बाद ऐसा नहीं हो पाया, बाद में सोनिया को ही पत्र लिख कर कहना पड़ा कि हमें सरकारी फंड नहीं चाहिए। यह अलग बात है कि इसके बाद भी तमाम सरकारी डिपार्टमेंट से आरजीएफ को पैसा मिलता रहा।
साल 2005-2006 और 2007-2008 में राजीव गाँधी फाउंडेशन को पीएम नेशनल रिलीफ फंड से डोनेशन मिला!
यह फंड केवल राष्ट्रीय आपदा के अवसर पर इस्तेमाल होता है, तो फिर यूपीए काल में इससे एक निजी संस्था को पैसा क्यों दिया गया? मालूम हो कि, PMNRF के बोर्ड में सोनिया गाँधी भी थी।
और सिर्फ PMNRF ही नहीं अन्य कई सरकारी विभाग भी आरजीएफ को डोनेशन देते थे जैसे कि गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और ओएनजीसी, गेल जैसे पीएसयू भी इस लिस्ट में शामिल हैं।
एक तरीके से, राजीव गाँधी फाउंडेशन, पूरे गाँधी परिवार के लिए सोने के अंडे देने वाली मुर्गी बन गई थी।
लेकिन अगर आपको लगता है मामला सिर्फ इतना ही है तो आप गलती कर रहे हैं। आरजीएफ को कहाँ-कहाँ से फंडिंग मिली है, यह जानकार आप चौंक जाएंगे!
आरजीएफ, ज़ाकिर नाइक और चीन
साल 2011 में आरजीएफ को टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी ज़ाकिर नाइक की Islamic Research Foundation से 50 लाख का डोनेशन मिला था। ज़ाकिर नाइक भारत में भगोड़ा घोषित है जिस पर कई आरोप लगे हैं जैसे कि अपने भाषणों से आतंकवाद की विचारधारा को बढ़ावा देना।
अब ऐसे व्यक्ति के द्वारा आरजीएफ को डोनेशन क्यों दिया गया, इसका जवाब या तो आरजीएफदे सकता है या फिर खुद ज़ाकिर नाइक।
ख़ैर, हम आगे बढ़ते हैं – साल 2005-2006 में आरजीएफ को चीन से भी पैसा मिला था।
भाजपा नेता JP Nadda ने 2020 में बताया था कि चीन ने आरजीएफ को $300,000 का डोनेशन दिया था। आखिर चीन, जो हमारा भूराजनीतिक प्रतिद्वंद्वी है वह क्यों आरजीएफ को पैसा दे रहा था?
यह भी याद रखिए कि साल 2008 में कांग्रेस और Chinese Communist Party के बीच एक गोपनीय समझौते पर करार हुआ था — इसकी जानकारी आजतक कभी बाहर नहीं आई हैं।
राजीव गाँधी फाउंडेशन और डीप स्टेट
चीन के बाद अब डीप स्टेट पर आते हैं। राजीव गाँधी फाउंडेशन को फोर्ड फाउंडेशन से भी डोनेशन मिला है, जिसे CIA का asset माना जाता है।
आसान भाषा में बताएं – तो जब भी डीप स्टेट को किसी देश में अपना प्रभुत्व बढ़ाना होता है तो वह किसी संस्था या व्यक्ति को को बढ़ावाकरता है। यह काम अक्सर फोर्ड फाउंडेशन जैसे संस्थाएं अपनी फंडिंग के द्वारा करती हैं।
राजीव गाँधी फाउंडेशन और सोरोस
ह्यूमन राइट्स लॉ नेटवर्क, अमन बिरादरी ट्रस्ट, फ्रेड्रिच नौमान फाउंडेशन — इन तीनों ने आरजीएफ को डोनेशन दिया है — और तीनों को ही या तो ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से पैसा मिला है या इनका सोरोस से संबंध है।
जैसे कि ह्यूमन राइट्स लॉ नेटवर्क को सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन द्वारा फंडिंग मिली है तो वहीँ अमन बिरादरी ट्रस्ट के अमन बिरादरी ट्रस्ट हर्ष मंदर तो ओपन सोसाइटी फाउंडेशन में एक पदाधिकारी की हैसियत से काम कर चुके हैं।
मजेदार बात यह है कि हर्ष मंदर तो सोनिया गाँधी के ख़ास हैं और वे युपीए काल की NAC, यानी कि नेशनल एडवाइजरी कॉउंसिल का हिस्सा भी थे।
राजीव गाँधी फाउंडेशन को कैसे कैसे लोगों से फंडिंग मिल रही थी, उसकी पूरी लिस्ट तो अब भी पब्लिक डोमेन में नहीं है, लेकिन जितना है उतने से ही पता चलता है कि कुछ तो गड़बड़ है!
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शायद यही कारण था कि साल 2022 में केंद्र सरकार ने राजीव गाँधी फाउंडेशन का एफसीआरए लाइसेंस ही रद्द कर दिया था।
डीप स्टेट पर बढ़ता राजनीतिक विमर्श अब धीरे धीरे करके सारे राज खोल रहा है – और इसका सबसे बड़ा नुकसान कांग्रेस पार्टी, गाँधी परिवार को हो रहा है।